नई दिल्ली। अपने कार्यकाल का नव वर्ष बीत जाने के बाद भी एक भी प्रेस के सवाल का जवाब नहीं देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कह दिया है कि वह ना तो खुद प्रेस के सवाल का जवाब देंगे और ना ही यहां पर आने वाले किसी विदेशी मेहमान को प्रेस वार्ता करने देंगे। उनके इस ऐलान से दुनिया भर में भारत की छवि को गहरा धक्का पहुंचा है।
जी20 देश के शिखर सम्मेलन में उसे समय भारत की फजीहत हो गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम से सभी पत्रकारों को जाने के लिए कह दिया। नरेंद्र मोदी के इस अनुरोध के बाद वहां उपस्थित सभी विदेशी मेहमान हैरान रह गए।
दर असल ग्रुप 20 देश के नेताओं के साथ उन देशों के प्रमुख मीडिया संस्थान के वरिष्ठ पत्रकार भी ग्रुप 20 देश के शिखर सम्मेलन के कवरेज के लिए नई दिल्ली में थे लेकिन जैसे ही भारत मंडपम में ग्रुप 20 देश का शिखर सम्मेलन शुरू होने वाला था अप्रत्याशित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद सभी देसी विदेशी पत्रकारों को भारत मंडपम छोड़कर चले जाने का आदेश दे दिया। यह देखकर सभी विदेशी अतिथि हैरान रह गए।
दिल्ली में गरीबी छुपाने के लिए झुग्गी झोपड़ियां को तोड़ा गया और सड़कों पर पहनने वाले आवारा जानवरों को बेरहमी से पीटा गया
विदेशी मेहमानों के सामने अपनी इमेज चमकाने के लिए गरीबों और मजदूरों की बस्ती पर कहर बरपाया गया। झुग्गी झोपड़ी को तोड़ा गया या फिर उन्हें तिरपाल लगाकर ढका गया। इतना ही नहीं सड़कों पर टहलने वाली जानवर गायों और कुत्तों को भी बेरहमी से पीटा गया। कुर्ता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसकी विदेशी मीडिया में भी जोरदार चर्चा हो रही है।
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