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आबकारी विभाग नहीं मान रहा चुनाव आयोग का आदेश: दशकों से एक ही जिले में जमे अधिकारियों कर्मचारियों को हटाने से इनकार

लखनऊ। विश्व व्यापार संगठन के लिए ट्रांसफर हो चुके कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी का खेल जारी है। चुनाव आयोग और शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का विवरण अभी तक मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं करवाया है। दरअसल इसके पीछे उनके करीबी जिला आबकारी अधिकारी गाजियाबाद राकेश सिंह जिनके साथ वह व्यावसायिक साझेदारी करते हैं उनका चुनाव आयोग से टकराने का मन बना लिया है।

आबकारी विभाग में 3 वर्ष से अधिक दर्जनों अधिकारी जमे हुए हैं

दर असल जिला आबकारी अधिकारी गाजियाबाद राकेश सिंह जो शराब माफियाओं के बेहद नजदीकी है और और कमिश्नर पांडियन सी के साथ व्यावसायिक साझेदारी करते हैं इन को बचाने के लिए ही जो की 3 वर्ष से अधिक समय गाजियाबाद में बिता चुके हैं यदि उनका ट्रांसफर हो जाता है तो कमिश्नर का व्यावसायिक हित बहुत बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा। इसी तरह जिला आबकारी अधिकारी लखनऊ अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए यह मांगी रकम देने को तैयार हो गए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक एक्साइज इंस्पेक्टर शांति चौरसिया आबकारी मुख्यालय में 33 सालों से तैनात हैं और कभी ट्रांसफर नहीं किया गया।

आबकारी से जिन का ट्रांसफर होना है उनकी सूची इस प्रकार है

1- इंस्पेक्टर शांति चौरसिया मुख्यालय प्रयागराज में तैनाती अवधि 33 वर्ष

2- इंस्पेक्टर राजकुमार यादव मुख्यालय प्रयागराज में तैनाती अवधि 34 वर्ष

3- संजय कुमार गुप्ता ei/aec मुख्यालय प्रयागराज में तैनाती अवधि 20 वर्ष

4- राजकुमार यादव मुख्यालय प्रयागराज में तैनाती अवधि 31 वर्ष

5- आबकारी निरीक्षक प्रसेन राय प्रयागराज जनपद में तैनाती अवधि 8 वर्ष

6- गिरीश चंद्र प्रयागराज में तैनाती की अवधि 15 वर्ष

सहायक प्राविधिक अधिकारी दीपक रस्तोगी – प्रयागराज में तैनाती की अवधि 7 वर्ष

8- अनिल वर्मा सहायक तकनीकी अधिकारी लखनऊ जनपद में तैनाती की अवधि 8 वर्ष

चुनाव आयोग के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी निर्देश दिया था कि किसी भी दशा में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का विवरण 31 दिसंबर तक मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट कर दिया जाना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय और चुनाव आयोग दोनों के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कमिश्नर सेंथिल पांडियन सी ने मानव संपदा पोर्टल पर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का विवरण अपलोड नहीं करवाने दिया।

मानव संपदा पोर्टल से नहीं जारी हुआ दिसंबर महीने का वेतन

शासन के निर्देश के बावजूद दिसंबर 2023 का वेतन मानव संपदा पोर्टल से ना जारी करके ऑफलाइन ही खाते में भेजा गया।

फर्जी पोर्टल बना जी का जंजाल

दरअसल कमिश्नर पांडियन सी ने पिछले स्थानांतरण सत्र में एक बड़ा फर्जी वाडा किया था जिसमें उन्होंने 30 जून को एक फर्जी पोर्टल बनाकर तमाम इंस्पेक्टर और शायद आपकारी अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया था। यही फर्जीवाड़ा आबकारी विभाग के अधिकारियो के जी का जंजाल बन गया है। यदि आबकारी विभाग सेवा पुस्तिका संबंधी विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करेगा तो कमिश्नर के फर्जीवाड़े की पोल खुल जाएगी और अपनी पोल खुलने के डर से ही कमिश्नर चुनाव आयोग और शासन के आवेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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