लखनऊ। ज्वाइंट कमिश्नर लखनऊ जोन धीरज सिंह जिनका 30 जून को रिटायरमेंट है अपने विदाई से पहले डिस्टलरी और चीनी मिलों से मुआयना के नाम पर लाखों रुपए की वसूली की है। मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग चीनी मिल और डिस्टलरी की त्रैमासिक निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करती है । नियमानुसार डिप्टी कमिश्नर ए सी ई इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर तथा सिपाही पूरी टीम के साथ मौके पर जाकर चीनी मिल और डिस्टलरी का मुआयना कराने का नियम है लेकिन आबकारी महकमे में ऐसा बिल्कुल नहीं होता है। एक परंपरा बनाई गई है की जॉइंट लेवल पर डिस्टलरी और चीनी मिल कारोबारियों को बुला लिया जाता है और उनसे एक निर्धारित रकम वसूला जाता है जिसके बाद उन्हें क्लीनचिट दे दिया जाता है। अगर लखनऊ जोन की चर्चा करें तो यहां त्रैमासिक निरीक्षण पर करीब 3000000 रुपए की वसूली होती है।
वर्तमान ज्वाइंट कमिश्नर धीरज सिंह जिनका 30 जून को विदाई होना है वह कल से ही डिस्टलरी और चीनी मिल कारोबारियों की मीटिंग ले रहे हैं और इस मीटिंग में मुआयना के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। यह मीटिंग आज भी जारी है।
चर्चा है कि अपनी विदाई से पहले वह डिस्टलरी और चीनी मिलों से मोटी रकम उगाही करना चाह रहे हैं।
मुआयना के बाद विदाई में भी डिस्टलरी और चीनी मिल कारोबारियों से तोहफे की मांग की जा रही है।
मातहत ने ज्वाइंट कमिश्नर पर प्रत्यावेदन देकर लगाया है गंभीर आरोप:
इतनी जानकारी मिली है कि ज्वाइंट कमिश्नर धीरज सिंह पर उनके ही मातहत रहे ace राम सजीवन ने शासन को प्रत्यावेदन भेजकर ज्वाइन कमिश्नर धीरज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शासन स्तर की जांच मुख्यालय पहुंच गई है और अभी भी यह प्रचलित है।
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