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राजीव के जमाने से अमेठी देख रहे केएल शर्मा को हल्के में लिया तो भाजपा को लग सकता है झटका:

अमेठी। भारतीय जनता पार्टी भले ही राहुल गांधी के अमेठी में चुनाव न लड़ने से मजाक बना रही हो लेकिन जो किशोरी लाल शर्मा अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उतारे गए हैं उन्हें हल्के में लेना भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है। जानकारों का मानना है कि किशोरी लाल शर्मा का अमेठी के तीन पीढियां से रिश्ता रहा है। 65 साल का बुजुर्ग हो या 25 साल का युवा सभी किशोरी लाल शर्मा को व्यक्तिगत जानते हैं इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी के समय से ही किशोरी लाल शर्मा अमेठी और रायबरेली के बूथ प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाते रहे। ज्यादातर मतदाताओं से वह व्यक्तिगत परिचित है। अमेठी के लिए बिल्कुल नए नहीं हैं। बहुत ही विनम्र और व्यवहार कुशल हैं। अमेठी और रायबरेली में जो कुछ भी विकास दिखाई दे रहा है उसके शिल्पकार किशोरी लाल शर्मा ही है। बताया जा रहा है कि 1800 से अधिक मतदान केंद्रों पर वह अपनी टीम पहले ही तैनात कर चुके हैं। किशोरी लाल शर्मा बहुत ही कम समय में अपने चुनाव को निर्णायक परिणीति तक पहुंचा सकते हैं। इंडिया गठबंधन की वजह से मुस्लिम यादव समीकरण पहले से ही मजबूत है ऐसे में ब्राह्मण होने के नाते किशोरी लाल शर्मा को ब्राह्मणों का पूरा समर्थन मिलने वाला है। कुल मिलाकर आम और खास में कहीं भी कांग्रेस के निर्णय को लेकर बड़ा विरोध नहीं है।

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