राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के मार्गदर्शक मंडल में भेजे गए:
बीजेपी की वेबसाइट पर मार्गदर्शक मंडल में नजर आये प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह:
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत नहीं पाने के बाद भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। भाजपा भले ही एनडीए के दम पर सरकार चल रही है लेकिन अंदरूनी राजनीति में सियासत का तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है।
लोग उसे समय चौंक गए जब भाजपा की वेबसाइट में मार्गदर्शक मंडल में लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी के साथ- साथ राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल कर दिया गया।
भाजपा पर किसका प्रभुत्व, संघ और मोदी समर्थकों के बीच चल रही है जंग:
लोकसभा चुनाव में संघ सक्रिय क्यों नहीं रहा इसको लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत अलग-अलग मंचों पर दो टूक बयान जारी करके भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ते रहे हैं। बीच खबर मिली है कि वह भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय संगठन मंत्री से लेकर मंडल स्तर तक के संगठन मंत्री को या तो बदलने जा रहे हैं या फिर उन्हें वापस बुलाने की तैयारी चल रही है। कहां जा रहा है कि तनाव उस समय चरम पर होगा जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नए अध्यक्ष के चुनाव में सीधा दखल देगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समर्थक किसी भी व्यक्ति को अध्यक्ष पद तक पहुंचने में अपना वीटो लगा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए क्या है मुश्किल:
वैसे तो बिना किसी विरोध के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में एनडीए संसदीय दल के नेता चुन लिए गए हैं और उन्हें विश्वास मत हासिल करने के लिए भी अभी कोई समय सीमा नहीं दी गई है लेकिन मुश्किल यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक लोकसभा में अपने संसदीय दल का नेता अलग से नहीं चुना है। हालांकि तकनीकी रूप से अभी इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन भविष्य में नए अध्यक्ष बनने के बाद अगर चीज़ें बदली तो फिर काफी चुनौतियां बढ़ जायेंगी। ऐसे में अगर नया अध्यक्ष बनेगा और संघ का दखल होगा तो भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा में संसदीय दल के नेता के चयन में भी प्रधानमंत्री मोदी को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
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