लखनऊ जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह की काली कमाई का खुल सकता है कच्चा चिट्ठा
लखनऊ। परमिट रूम लाइसेंस घोटाले का आविष्कार जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने ही किया है अब यह स्पष्ट हो गया है। यह जहां भी तैनात रहे हैं यह खेल जारी रहा। अवैध रूप से परमिट लाइसेंस जारी करने के इस खेल में कई और खिलाड़ी भी शामिल हैं।
ओएसिस पोर्टल पर 2023 से ऑनलाइन जारी हो रहा परमिट रूम का लाइसेंस, लेकिन पूर्व डिप्टी लाइसेंस आलोक कुमार ने 2024 में जारी किया सर्कुलर:
परमिट रूम लाइसेंस घोटाले में पूर्व डिप्टी लाइसेंस आलोक कुमार की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर ओएसिस पोर्टल पर 2023 से ही ऑनलाइन परमिट रूम लाइसेंस जारी हो रहा था तो उन्होंने 2024 में इस संबंध में सर्कुलर क्यों जारी किया: आलोक कुमार ने 29/ 4 /2024 को जारी एक पत्र में सभी बीयर और मॉडल शॉप अनुज्ञप्ति के लिए परमिट रूम लाइसेंस का सर्कुलर जारी किया साथ ही आवेदन का प्रारूप भी जारी किया। अब आलोक कुमार का यही सर्कुलर विवादों के घेरे में है। यह सर्कुलर विवादास्पद इसलिए हो गया है क्योंकि इस सर्कुलर से 1 साल पूर्व से ही ओएसिस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन परमिट रूम लाइसेंस जारी कर दिए गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आलोक कुमार की जानकारी के बिना ओएसिस आबकारी विभाग की साइट से ऑनलाइन परमिट लाइसेंस जारी कर रहा था यदि हां तो इसकी पूरी जिम्मेदारी तत्कालीन एडिशनल एक्साइज कमिश्नर टास्क फोर्स हरिश्चंद्र श्रीवास्तव की बनती है क्योंकि उन्होंने ही पोर्टल संबंधी सभी प्रकार का दायित्व उन पर ही था। आज भी पोर्टल के संचालन का जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर है और उन्हें अवैध रूप से चोर दरवाजे से संविदा के आधार पर रिटायरमेंट के बाद रखा गया है। यहां वह आलोक कुमार के साथ मिलकर हेरा फेरी कर रहे हैं।
ऑनलाइन परमिट रूम लाइसेंस का सर्कुलर20 24 में जारी हुआ फिर 2023 में विभाग ने ऑनलाइन लाइसेंस कैसे जारी किए
इस घोटाले की गहराई का पता केवल इसी बात से चल जाता है कि आलोक कुमार की तरफ से परमिट रूम लाइसेंस के संबंध में संबंधित शासनादेश 29 अप्रैल 2024 को जारी होता है जबकि विभाग के पोर्टल से कई लाइसेंस पहले ही जारी हो चुके हैं। इस तरह के परमिट रूम लाइसेंस कहां-कहां और कब-कब जारी हुए हैं इसकी जांच की जरूरत है ताकि इस परमिट रूम लाइसेंस घोटाले की तह तक पहुंचा जा सके।
राकेश कुमार सिंह ने मानक की विपरीत जारी किए कई परमिट रूम लाइसेंस
भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार लखनऊ के चारबाग के पास एक बियर लाइसेंसी के पास उपर्युक्त मानक नहीं होने के बावजूद परमिट रूम लाइसेंस दिया गया इसके अलावा फैजाबाद रोड पर भी कई परमिट रूम लाइसेंस मानक की अनदेखी करते हुए दिया गया है। एक इंस्पेक्टर विजय शुक्ला का नाम भी सुर्खियों में है जो जिला आबकारी अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर वसूली कर रहा है ऐसा कहा जा रहा है। राकेश कुमार का रुतबा और रसूख देखते हुए विभाग के शीर्ष अधिकारी हाथ डालने से बच रहे हैं।
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