अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार

तो क्या फिर होगी नटवरलाल की वापसी:

ठेके पर रखे गए हरिश्चंद्र श्रीवास्तव किस हैसियत से खंगाल  रहे कार्मिक विभाग के गोपनीय रिकॉर्ड:

प्रयागराज। मुख्यालय में लुटेरों का एक गैंग आबकारी आयुक्त के नेतृत्व में तैयार हो रहा है। मेंटर पोर्टल के जरिए आबकारी विभाग को हजारों करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले पूर्व एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस हरिश्चंद्र श्रीवास्तव पिछले दो दिनों से लगातार आबकारी मुख्यालय में है। वह एक गेम पोर्टल के जरिए फिलहाल आउटसोर्सिंग पर रखे गए हैं। एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस के पद पर रहते हुए इन्होंने तमाम शराब माफियाओं की मदद की। फर्जी पोर्टल चला कर हजारों करोड रुपए का विभाग को चुना लगाया। शराब माफियाओं के दबाव में ही इनको फिर से पूर्व आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने  इनको फिर से विभाग में सलाहकार के रूप में आउटसोर्सिंग पर रखा । हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने फर्जी पोर्टल के जरिए अरबो रुपए का वारा न्यारा किया। चर्चा तो यहां तक है कि हरिश्चंद्र श्रीवास्तव की कई शराब कंपनियों में भी मोटी हिस्सेदारी है। हरिश्चंद्र श्रीवास्तव इस बात से भयभीत है कि यदि 32 वर्षों से फर्जी जॉइंट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे जोगिंदर सिंह रिटायर हो जाएंगे तो उनके काले कारनामे उजागर हो जाएंगे। इसीलिए हरिश्चंद्र श्रीवास्तव जोगिंदर सिंह के सेवा विस्तार के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं। आबकारी आयुक्त की भी जोगिंदर सिंह मजबूरी बने हुए हैं। पहले ही लोकायुक्त की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार जैसी बदनामी का सामना कर रहे आबकारी आयुक्त को लगता है कि यदि जोगिंदर सिंह जैसा फ्रॉड और आंकड़ों में हेरा फेरी करने का मास्टरमाइंड अगर चला जाएगा तो फर्जी रेवेन्यू आंकड़ों की पोल खुलेगी और जेल जाना पड़ेगा इसीलिए आबकारी आयुक्त भी जोगिंदर सिंह के सेवा विस्तार के पक्ष में हैं। इस काम के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संपर्क  साधा है। कहां जा रहा है कि विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल जोगिंदर सिंह के सेवा विस्तार के पक्ष में नहीं है लेकिन आबकारी आयुक्त को विभाग में फर्जी वाले के लिए जोगिंदर सिंह की जरूरत है।

जोगिंदर सिंह की नियुक्ति सांख्यिकी निदेशालय से, फिर दो बार प्रमोशन आबकारी विभाग ने कैसे दिया और अब फंड और पेंशन कैसे जारी करेगा यह अपने आप में बड़ा सवाल है। खबर यह आ रही है कि इलाहाबाद का एक संगठन इस मामले में अगले सप्ताह एक जनहित याचिका दायर करने जा रहा है जिसमें आबकारी विभाग और आबकारी आयुक्त को भी पार्टी बनाने की तैयारी है।

इस बीच यह भी खबर आ रही है कि टपरी कांड में ज्वाइंट एक्साइज कमिश्नर ईआईबी जैनेंद्र उपाध्याय और दिलीप मणि त्रिपाठी तथा डीईओसुशील मिश्रा को  मिलने वाली चार्ज सीट से राहत कैसे मिले उसको लेकर भी यह हरिश्चंद्र श्रीवास्तव अपना दिमाग लगा रहा है और कहां जा रहा है कि इस काम में आबकारी आयुक्त ने उसे लगाया है।

About Author