डिप्टी बरेली एसपी सिंह डिप्टी देवी पाटन मंडल आलोक कुमार, तथा सहायक आबकारी आयुक्त विनोद कुमार के माध्यम से प्रदेश भर में हो रही शराब तस्करी:
प्रयागराज। आबकारी मुख्यालय में सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक के पद पर तैनात मुबारक अली के एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं। जानकारी मिली है कि पूरे प्रदेश में ओवर रेटिंग डाइल्यूशन और अवैध शराब की बिक्री और तस्करी के लिए एक नेटवर्क बना हुआ है। इस नेटवर्क में डिप्टी बरेली एसपी सिंह डिप्टी देवी पाटन मंडल आलोक कुमार और सहायक आबकारी आयुक्त विनोद कुमार की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। उपरोक्त लोगों की तैनाती वाले डिविजन में अवैध शराब की तस्करी ओवर रेटिंग और डाइल्यूशन से करोड़ों रुपए हर महीने वसूली हो रही है और विभाग को राजस्व क्षति भी हो रही है। अब यह सामने आ रहा है कि शराब तस्करी के इस खेल में मुबारक अली पूरी तरह शामिल है। मुबारक अली ही अपनी पसंद के निरीक्षक को सर्किल में तैनाती दे रहा है। ताजा उदाहरण आईजीएल गोरखपुर में तैनात निरीक्षक सीता सिंह का है जिसको मुबारक अली का वसूली एजेंट बताया जा रहा है। प्रवर्तन गोरखपुर में तैनात सीता सिंह जो मूल रूप से गोरखपुर की ही रहने वाली है उसको गोरखपुर में तैनाती कैसे मिली और आईजीएल में जगह खाली होने पर निरीक्षक की नियमित नियुक्ति करने के बजाय एडिशनल चार्ज का खेल क्यों खेला गया तो सामने आया कि आईजीएल से जो भी अवैध निकासी होती है इसका एक हिस्सा मुबारक अली को मिलता है इसीलिए अपनी वसूली एजेंट के रूप में मुबारक ने सीता सिंह की तैनाती आईजीएल में कराई।
एक महिला निरीक्षक जिसके साथ मुबारक अली के नजदीकी संबंध है उसे बनारस में तैनात करने का आश्वासन दिया है माना जा रहा है कि बनारस में भी अवैध वसूली के लिए यह तैनाती होने वाली है।
मुबारक अली प्रयागराज से चला रहा है लखीमपुर खीरी की गोविंद शुगर मिल की डिस्टलरी:
आबकारी मुख्यालय में तैनात मुबारक अली लगभग 500 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी स्थित गोविंद शुगर मिल जिला में सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर भी तैनात है। बताया जाता है कि इस डिस्टलरी से सहारनपुर की टपरी की तरह ही अवैध निकासी हो रही है ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि यहां पर सहायक आबकारी आयुक्त की कागज पर ही पोस्टिंग है इसलिए अवैध निकासी रोकने की जिम्मेदारी फिलहाल किसी के पास नहीं है जिसका लाभ डिस्टलरी उठा रही है और उससे होने वाली अवैध कमाई का मोटा हिस्सा मुबारक अली को मिल रहा है।
इसी तरह सहायक आबकारी आयुक्त पार्थ रंजन घोष जो अनूप शहर स्थित डिस्टलरी में तैनात है उसे बुलंदशहर की एक अन्य जगजीत डिस्टलरी में अतिरिक्त तैनाती दी गई है।
सहायक आबकारी आयुक्त राजेश सिंह जिनको मुख्यालय में मूल रूप से सहायक आबकारी आयुक्त विधि के रूप में तैनात किया गया है उन्हें इसके साथ-साथ सीतापुर स्थित डालमिया डिस्टलरी रामकोट में तैनाती दी गयी है।
8 साल तक मुख्यालय में पहले भी रह चुका है तैनात वसूली की आरोप में हटाया गया था:
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यही है कि यह 8 वर्ष तक पहले भी आबकारी मुख्यालय के कार्मिक विभाग में ही इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहा ऐसे में दोबारा उसकी नियुक्ति किस आधार पर आबकारी मुख्यालय में हुई यह भी अपने आप में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि मुबारक अली प्रदेश की बड़ी शराब कंपनी वेब डिस्टलरी का आदमी है। प्रदेश में ज्यादातर fl2cl 2 वेब कंपनी की है और यहां पर मुबारक अली के माध्यम से ही डिस्टलरी में ज्यादातर निरीक्षक तैनाती पाने में सफल रहे हैं। यहां तैनात किए जाने वाले निरीक्षक वेब कंपनी के हित में ही ज्यादा काम करते हैं।
मंत्री तक पहुंचे मुबारक अली के कारनामे
विभागीय मंत्री नितिन अग्रवाल मुबारक अली के कारनामों से हैरान है। माना जा रहा है कि मंत्री नितिन अग्रवाल मुबारक अली के खिलाफ जल्द ही जांच का आदेश दे सकते हैं यदि ऐसा हुआ तो बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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