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डीपीसी से पहले कई कर्मचारियों की एसीआर गायब, प्रभावित कर्मचारियों से वसूली में जुटे प्रसेन रॉय और राजकुमार

लखनऊ। आबकारी मुख्यालय प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आ रही है। प्राप्त सूचना के अनुसार लिपिक संवर्ग में नूतन वर्ष जनवरी के 8 तारीख को होनेवाली डीपीसी से  पहले कई कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि गायब कर दी गई है। गोपनीय प्रविष्टि गायब होने की वजह से एसीपी भी बाधित हो गयी है। पता चला है कि आबकारी मुख्यालय में 32 वर्षों से तैनात निरीक्षक राजकुमार यादव और प्रसेन रॉय वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि रिपोर्ट गायब होने से प्रभावित कर्मचारी और अधिकारियों से मोटी वसूली कर रहे हैं। चर्चा है कि गायब एसीआर को ढूंढने के लिए 3 से 5 लख रुपए तक की डिमांड की जा रही है। कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट की एंट्री नहीं होने के चलते उनकी एसीपी भी पूरी तरह बाधित हो गई है। बताया जा रहा है कि मजबूर और लाचार कर्मचारियों से एडिशनल कमिश्नर और कमिश्नर के नाम पर भी वसूली चल रही है। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर को भी इस वसूली की जानकारी है। वसूली की चर्चा में इसलिए भी दम नजर आ रहा है क्योंकि मुबारक अली जैसे दागी सहायक आबकारी आयुक्त को जिसकी वसूली के कारनामों की  चर्चा मंत्री तक पहुंची थी और मंत्री के निर्देश पर उसे विभागीय कामकाज से हटा दिया गया था ऐसे ही दागी सहायक आबकारी आयुक्त को कमिश्नर आदर्श सिंह ने विभागीय पदोन्नति समिति का सदस्य नामित करके यह संदेश दिया है कि जो जितना भ्रष्ट है वह उनको उतना अधिक प्रिय है।

खबरों के मुताबिक लिपिक संवर्ग में लिपिक से वरिष्ठ लिपिक वरिष्ठ लिपिक से कनिष्ठ सहायक कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायक से कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति होनी है और लगभग 25 कर्मचारी में से 20 कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि आख्या गायब है। इसी तरह से कांस्टेबल संपर्क में कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर पद के लिए कई कर्मचारी की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि रिपोर्ट गायब कर दी गई है और मजबूर लोगों से लाखों रुपए की डिमांड की जा रही है।

इस मामले में डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात चंद की खामोशी भी सवालों के घेरे में है।

कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर दोनों की कमेटी में मुबारक अली:

मुख्यालय के कार्मिक विभाग में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त मुबारक अली नियम के विरुद्ध कई डिस्टलरी और केमिकल फैक्ट्री में अतिरिक्त प्रभार के लिए तगड़ी वसूली की थी जिसकी जानकारी मंत्री को मिली और उन्होंने मुबारक अली से सभी विभागीय कामकाज हटाने का निर्देश दिया जो अभी तक चल रहा था इसके बावजूद कमिश्नर की नाक का बाल मुबारक अली बना रहा और उसको एक बार फिर वसूली के लिए वरिष्ठ संपर्क के लिए होने वाली विभागीय पदोन्नति समिति का सदस्य बनवाया इतना ही नहीं एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर ने भी मुबारक अली की वसूली क्षमता की पहचान की और अपनी अध्यक्षता में होने वाली सिपाहियों की पदोन्नति समिति का सदस्य बना दिया। बताया जा रहा है कि ऐसा विभागीय मंत्री को नीचा दिखाने के लिए किया गया है।

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