लखनऊ। कमिश्नर और प्रमुख सचिव मिलकर जो भी तमाशा करे वही कम है। आज कैबिनेट मीटिंग में आज आबकारी पॉलिसी घोषित होनी थी लेकिन आबकारी विभाग और शासन के कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारियों की वजह से अब यह पॉलिसी कल जारी होगी।
कैबिनेट मीटिंग समाप्त होने से पहले ही किसी ने जनवरी महीने मे विभाग द्वारा तैयार किए गए गोपनीय कैबिनेट नोट का पीडीएफ बनाकर वायरल कर दिया। यह कैबिनेट नोट जनवरी में प्रमुख सचिव बिना कुमारी मीणा के हस्ताक्षर से तैयार किया गया। यह नोट कैबिनेट की मीटिंग में रखा जाना था जिसके अनुमोदन के बाद विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है। विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में कैबिनेट नोटिस का पीडीएफ वायरल होने के बाद शासन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति नहीं जारी की गई इसके बाद सन से पैदा हो गया है कि यहां कैबिनेट नोट्स आज अनुमोदन के लिए रखा भी गया था या नहीं। फिलहाल कल सबको वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का इंतजार है।
कल आबकारी नीति से जुड़े तमाम अधिकारियों की बैठक हुई थी और कहां जा रहा है की विशेष सचिव कमिश्नर के नजदीकी लोग जिन्हें कैबिनेट नोट्स का पीडीएफ मिल गया था उन्हीं लोगों ने यह पीएफ व्हाट्सएप ग्रुपों में लीक कर दिया गया था। इस कैबिनेट नोटिस का पीडीएफ लिख करने का क्या उद्देश्य है यह तभी पता चल पाएगा जब इसकी शासन स्तर की टीम गठित करके जांच हो। कैबिनेट मीटिंग के दौरान ही यह पीडीएफ तमाम शराब माफियाओं के हाथ लग गई तथा यहां कई whatsapp ग्रुप में तेजी से फैलने लगी।
कैबिनेट नोट्स बनाने की जिम्मेदारी जिसकी:
बताया जा रहा है कि यह गोपनीय नॉट अवैध रूप से जॉइंट डायरेक्टर सांख्यिकी की पोस्ट पर विराजमान डिप्टी एक्साइज कमिश्नर वाराणसी प्रदीप दुबे पहले ही पोर्टल के जरिए अरबों रुपए का घोटाला करने वाले पूर्व एडिशनल कमिश्नर हरिश्चंद्र श्रीवास्तव वर्तमान में एडिशनल कमिश्नर लाइसेंस अरविंद कुमार राय आदेश नहीं कमिश्नर जान ईश्वर त्रिपाठी कमिश्नर आदर्श सिंह और प्रमुख सचिव के अलावा विशेष सचिव के पास यह गोपनीय कैबिनेट नोट्स मौजूद रहा। यह कहां से लीक हो गया इसकी जांच जरुरी है।
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