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भारत मे सजेगा अमेरिकी शराब बाजार:

प्रधानमंत्री ने अमेरिकी शराब उत्पादों पर घटाया 100% टैरिफ:

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में कितने मजबूत और लाचार थे इसकी बानगी उसे समय देखने को मिली अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में 35 अरब डॉलर के शराब कारोबार में अमेरिकी कंपनी  परनार्ड और डियाजियो जैसी कंपनियों को अब  प्रभुत्व जमाने का मौका मिल गया है। केंद्र सरकार ने अमेरिकी शराब उत्पादों पर 100% तक टैरिफ कम कर दिया है। सरकार के इस कदम से भारतीय शराब कारोबारी को बड़ा झटका लगा है। कहां जा रहा है कि कई डिस्टलरी के अस्तित्व पर संकट आ गया।

ट्रंप की ओर से टैरिफ ऐलान के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 100% कम किया है. पहले सरकार बॉर्बन व्हिस्की पर 150 फीसदी टैरिफ वसूलती थी, लेकिन अब कंपनी को व्हिस्‍की के इम्‍पोर्ट पर 50% टैक्‍स और 50% लेवी चार्ज देना होगा. इसका मतलब है कि अब बॉर्बन व्हिस्‍की पर 100 फीसदी का टैरिफ लागू होगा. अन्‍य ब्रांड पर टैरिफ को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है.

विदेशी शराब कंपनियों का भारत में 35 अरब डॉलर का मार्केट
हालांकि संशोधित टैरिफ खासतौर पर बॉर्बन व्हिस्की पर ही लागू होता है, जो अमेरिका में बनाई जाती है. लेकिन अन्य अल्कोहलिक प्रोडक्ट्स पर 150% की पिछली दर से टैक्‍स लगाया जाता रहेगा. डियाजियो (Diageo) और पेरनोड रिकार्ड (Pernod Ricard) जैसे इंटरनेशनल शराब कंपनियों की भारत के 35 अरब डॉलर के स्पिरिट बाजार में उपस्थिति है.

ट्रंप की ओर से टैरिफ ऐलान के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 100% कम किया है. पहले सरकार बॉर्बन व्हिस्की पर 150 फीसदी टैरिफ वसूलती थी, लेकिन अब कंपनी को व्हिस्‍की के इम्‍पोर्ट पर 50% टैक्‍स और 50% लेवी चार्ज इसका मतलब है कि अब बॉर्बन व्हिस्‍की पर 100 फीसदी का टैरिफ लागू होगा.

बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क 150 से घटाकर किया 50 प्रतिशत

भारत के राजस्व विभाग की तरह से जारी अधिसूचना के तहत बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क में कमी लाई गई हैं। पहले बॉर्बन व्हिस्की पर 150 प्रतिशत आयात शुल्क लगता था, लेकिन अब घटाकर 50 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगेगा। हालांकि यह छूट केवल बॉर्बन व्हिस्की को दी गई हैं। जबकि दूसरी शराब में पहले की तरह आयात शुल्क लगेगा। आपको बता दे की सबसे ज्यादा शराब बॉर्बन व्हिस्की ही आयात होती है। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका से आयात होने वाली शराब में एक चौथाई बॉर्बन व्हिस्की होती हैं। ऐसे में इसका ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला हैं।

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