
लखनऊ। दिन रात मेहनत कर प्रदेश सरकार की तिजोरी भरने वाले सेल टैक्स विभाग के अधिकारियों के साथ नौकरशाह कितना जुल्म कर रहे हैं इसकी मिशाल गाजियाबाद में तैनात डिप्टी सेल टैक्स ऑफिसर संजय सिंह की आत्महत्या प्रकरण के रूप में दिया जा सकता है।
अब यह कहां जा रहा है कि संजय सिंह पर अवैध उगाही करने का दबाव उच्च अधिकारियों की ओर से था जिसके लिए वह तैयार नहीं थे यह बात देवी जुबान विभाग के अधिकारी भी कहना शुरू कर दिए हैं। इस इस आरोप की पुष्टि के लिए गाजियाबाद के डिप्टी सेल टैक्स ऑफिसर रहे संजय सिंह और उनके उच्च अधिकारियों के बीच जो भी बढ़ता हुई है उसकी कॉल डिटेल को भी पूरे प्रकरण में जांच के दायरे में लाना चाहिए। बताया जा रहा है कि 1000 से अधिक अधिकारियों के निलंबन के कार्यवाही से भी संजय सिंह अवसाद ग्रस्त हो गए थे इसके अलावा उन्हें प्रताड़ित करने के लिए कई तरह के चार्ज उन्हें दे दिए गए थे उस समय वह टूट गए जब उन्हें परेशान करने की नीयत से खंड 2 का भी चार्ज दे दिया गया यह तब किया गया जब बहुत से अधिकारी बिना चार्ज के सेल्टेक्स मुख्यालय से अटैच करके रखे गए हैं।
फिलहाल इस मामले में जीएसटी कमिश्नर नितिन बंसल की भी भूमिका की जांच की जानी चाहिए।
एम देवराज और नितिन बंसल का कहर टूटा जीएसटी अधिकारियों पर:
वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव एवं देवराज और जीएसटी कमिश्नर नितिन बंसल की मनमानी अराजकता और अव्यवस्था के चलते जहां बहुत से व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश छोड़ दिया और राज्य को कम से कम 500 करोड़ रूपया राजस्व का नुकसान हो गया वहीं बहुत से सेल टैक्स ऑफिसर अवसाद ग्रस्त हो गए और अब जान देने की नौबत आ गई है। इस मामले में सभी जनपदों के व्यापार कर आयुक्त अब आंदोलन की राह पर हैं अपने उच्च अधिकारियों को गुलाब का फूल देकर सवाल कर रहे हैं कि सच बोलने में हलक क्यों सूख जा रहा है।
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