अवधभूमि

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अयोध्या। अपनी सरकार के 8 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान से सनसनी फैल गई। जब उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी तीन पीढ़ियां अयोध्या राम जन्म भूमि आंदोलन से जुड़ी रही हैं और यदि उन्हें राम मंदिर के लिए कुर्सी छोड़ने भी पड़ें तो कोई बात नहीं।

हालांकि उन्होंने यह बाद सामान्य तरीके से की लेकिन उसके गहरे निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि दिल्ली से उनका संबंध अब भी ठीक नहीं है। ऐसे में जबकि संघ की बैठक नागपुर में चल रही है और इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाग्य का फैसला होना है क्योंकि उनकी उम्र 75 वर्ष पूरी होने वाली है और क्या वह आगे भी पद पर बने रहेंगे या खुद के बनाए नियम के अनुसार 75 वर्ष पूरा होने पर पद से हट जाएंगे इसको लेकर भी तरह-तरह के कयास बाजी चल रही है। और दूसरा और महत्वपूर्ण मुद्दा नए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव का भी है। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि नया अध्यक्ष सरकार के साथ तालमेल बनाकर चलने वाला होना चाहिए जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वतंत्र और मजबूत भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पक्ष में है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि प्रधानमंत्री मोदी अपनी पसंद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाने में सफल हो जाते हैं तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर खतरा हो सकता है। ऐसे में कहीं उनका यह बयान इसी परिप्रेक्ष्य में तो नहीं है।

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