
लखनऊ। तबादलों की प्रतीक्षा कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों का इंतजार मई अंत तक पूरा हो सकता है. राज्य सरकार मई अंत तक 2025-26 की नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे सकती है.
नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने नई स्थानांतरण नीति पर काम शुरू कर दिया है. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक नई नीति में इस बार कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए एक महीने का समय मिल सकता है.
सूत्रों के मुताबिक नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की कोशिश है कि एक जून से नई स्थानांतरण नीति को लागू कर दिया जाएगा, जिससे 30 जून तक का समय कर्मचारियों को ट्रांसफर के लिए मिल सके. नई पॉलिसी को अंतिम रूप देकर मई तक कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा.
नई स्थानांतरण नीति में हो सकते है ये प्राविधान : –
नई नीति के तहत समूह ‘क’ और ‘ख’ के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जिले में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं. वहीं समूह ‘ग’ और ‘घ’ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा. समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20% और समूह ‘ग’ और ‘घ’ के लिए अधिकतम सीमा 10 से 15% के बीच रखी जा सकती है. इस सीमा से ऊपर अगर कोई विभाग अधिक ट्रांसफर करता है तो उसके लिए मुख्यमंत्री का अनुमोदन आवश्यक होगा…
मानव संपदा पोर्टल से डिजिटाइज होगी प्रक्रिया
समूह ‘ग’ और ‘घ’ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा.
स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी. इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और वेतन विवरण को डिजिटाइज किया जा सकेगा.
नई तबादला नीति मे आकांक्षी जिलो के लिए पुरानी व्यवस्था ही लागू रहने की उम्मीद है. इसके तहत आकांक्षी जिलों में रिक्त पदों को भरना पहली प्राथमिकता होगी. दिव्यांग या मंदित बच्चों के अभिभावको का तबादला ऐसी जगह करने का प्रावधान भी पॉलिसी में किया जाएगा, जहां से बच्चे के इलाज की सुविधा हो…
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