स्पाउस ग्राउंड पर पोस्टिंग में हुआ खेल:
मंत्री कर सकते हैं बड़ी कार्रवाई:

लखनऊ। आबकारी निरीक्षक के ट्रांसफर पोस्टिंग में करोड़ों के खेल को रोकने के लिए मंत्री के सख्त निर्देश पर इस बार ऑनलाइन और मेरीट बेस्ड ट्रांसफर के आदेश दिए गए थे लेकिन उनके आदेश के बावजूद ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक एक ही जिले में तीन वर्ष और मंडल में 7 वर्ष की अवध पूरा करने वाले कई इंस्पेक्टर ट्रांसफर से बच गए जबकि ऐसे इंस्पेक्टर का तबादला हो गया जिनकी पोस्टिंग अवधि 2 साल से कम रही। इस खेल में डिप्टी कार्मिक पूरी तरह शामिल रहे। सबसे विचित्र बात यह रही कि इस बार ट्रांसफर के लिए डिप्टी कार्मिक की ओर से निरीक्षकों को मानव संपदा पोर्टल का लिंक भेजा गया जो पूरी तरह अवैध है। बताया जा रहा है कि डिप्टी कार्मिक की और से मानव संपदा पोर्टल सब के लिए सुलभ नहीं था जिनसे सौदेबाजी हो गई थी केवल उन्हीं को मानव संपदा पोर्टल का लिंक मिल बाकी सब के लिए पर पोर्टल बाधित रहा जबकि 3 वर्ष और 7 वर्ष की पात्रता में डेढ़ सौ से अधिक निरीक्षक आते थे लेकिन बहुत से ऐसे निरीक्षक थे जिन्हें लिंक नहीं मिला या मानव संपदा पोर्टल पर उनकी पहुंच बाधित की गई। मानव संपदा पोर्टल या ऑनलाइन ट्रांसफर का उद्देश्य ही यही था कि किसी भी दशा में विभागीय हस्तक्षेप को रोका जा सके और अनुचित तथा अवैध पोस्टिंग ना की जा सके लेकिन डिप्टी कार्मिक और आबकारी आयुक्त कार्यालय की मिलीभगत के बाद मानव संपदा पोर्टल अपने उद्देश्य में असफल हो गया। बड़ी संख्या में निरीक्षकों की पोस्टिंग में धांधली हुई और धन उगाही की भी खबर आ रही है।
स्पाउस ग्राउंड ट्रांसफर में भी भारी खेल:
जानकारी मिली है कि स्पाउस ग्राउंड पर होने वाले ट्रांसफर में भी बड़ा खेल हुआ है। ट्रांसफर नियमों के विपरीत हुआ है और यहां भी पैसे और पावर का जलवा देखने को मिला है इसके बाद ट्रांसफर पॉलिसी की धज्जियां उड़ गई।
अवध भूमि न्यूज़ को एक ऐसी सूची हाथ लगी है जो स्पाउस ग्राउंड में ट्रांसफर के खेल को उजागर करती है।

उपरोक्त सूची में8,4,16,18,3 क्रमांक पर जो भी पोस्टिंग हुई है उसमें नियमों का वायलेशन हुआ है। क्रमांक 4 कीर्ति सिंह का गाजियाबाद से सहारनपुर ट्रांसफर हुआ है जबकि मेरठ मंडल में उनका सेवाकाल 8 वर्ष पूरा हो चुका है नियमानुसार उन्हें मेरठ मंडल से बाहर ट्रांसफर करना था लेकिन ऐसा कैसे हुआ इसका जवाब आबकारी आयुक्त या डिप्टी कार्मिक के पास नहीं है। इसी तरह क्रमांक 3 पर राम श्याम जो लखनऊ में पोस्ट है उन्हें अज्ञात जगह ट्रांसफर किया गया है और पोस्टिंग की जगह को अभी तक नहीं बताया गया जिससे प्रतीत हो रहा है कि इस प्रकरण में भी खेल हुआ है। इसी तरह क्रमांक 16 पर लक्ष्मी शंकर बाजपेई का स्पाउस ग्राउंड पर ट्रांसफर करीब 300 किलोमीटर दूर रायबरेली किया गया है जबकि उनका स्पाउस वाराणसी में है। इसी तरह चंदौली में पोस्टिंग पानी वाली संगीता का स्पाउस करीब 300 किलोमीटर दूर आजमगढ़ में है यह स्पाउस ग्राउंड पर ट्रांसफर का मजाक नहीं तो और क्या है।
⸻1- इंगिता पांडेय
• 3 वर्ष मुख्यालय (Personal Staff Sector) में कार्य किया।
• 1 वर्ष Task Force में रहीं।
• spouse ground पर लखनऊ भेजा गया।
• ✔ स्थिति: नीति अनुरूप।
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- कीर्ति सिंह
• मेरठ से spouse ground पर गाज़ियाबाद भेजा गया।
• उनके पति सहारनपुर में पदस्थ हैं।
• सहारनपुर से मेरठ निकट है, न कि गाजियाबाद।
• ❌ स्थिति: spouse ground का अनुचित प्रयोग।
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- प्रदीप मिश्रा
• उनकी पत्नी अमेठी में पदस्थ हैं।
• उन्हें spouse ground पर बनारस (वाराणसी) भेजा गया।
• अमेठी से बनारस ~150 किमी दूर है, जो daily commuting के योग्य नहीं।
• ❌ स्थिति: spouse ground का गलत उपयोग।
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- लक्ष्मी शंकर बाजपेई
• इनकी पत्नी रायबरेली में कार्यरत हैं।
• इन्हें spouse ground पर बनारस भेजा गया।
• रायबरेली से बनारस की दूरी ~220 किमी है।
• ❌ स्थिति: spouse ground के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं।
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- नागेन्द्र
• खैर में केवल 1 वर्ष की सेवा के बाद जालौन भेज दिया गया।
• अधिकांश नीति के अनुसार, एक स्थान पर न्यूनतम 2-3 वर्षों का कार्यकाल अपेक्षित होता है।
• ❌ स्थिति: समयपूर्व स्थानांतरण — नीति का उल्लंघन।
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- बृजेन्द्र पटेल
• वे प्रयागराज (Law Section) में कार्यरत थे।
• उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही आगरा सेक्टर-7 भेज दिया गया।
• ❌ स्थिति: tenure पूरा न करने पर स्थानांतरण — पुनर्विचार योग्य।
कहीं कमिश्नर के 25 अंक में तो नहीं किया कमाल:
इस ट्रांसफर पोस्टिंग में एक बार फिर आबकारी आयुक्त और उनके कार्यालय सवालों के घेरे में है कहा जा रहा है कि उनके 25 अंक व्यापक दुरूपयोग हुआ है। ट्रांसफर पोस्टिंग में जितने भी मामलों पर सवाल उठ रहे हैं उनमें सभी में आबकारी आयुक्त के परफॉर्मेंस मार्क की चर्चा हो रही है।
अपने ही आदेश का अनुपालन नहीं कर पाए आबकारी आयुक्त:
ट्रांसफर पोस्टिंग से पहले आबकारी आयुक्त में इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी किया था जिसके अनुसार ऑनलाइन ट्रांसफर में किस कार्य के लिए कितने अंक निर्धारित होंगे इसका विस्तृत विवरण था बावजूद इसके ट्रांसफर लिस्ट देखने के बाद लगता है कि कमिश्नर स्वयं अपने आदेश का अनुपालन करने में असफल रहे।

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