अवधभूमि

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करके सीखों कार्यक्रम के तहत जिले के परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थी शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर भी बनेंगे। भाजपा सरकार ने परिषदीय स्कूलों में लर्निंग बाई डूइंग प्रोग्राम शुरू किया है। इसके तहत गुरुजी बच्चों को चाय-पकौड़ी और पंक्चर बनाना ही नहीं बल्कि खेती-किसानी, कारपेंटर और जूस निकलाने का भी गुर सिखाएंगे। सरकार के यह कदम बच्चों के भविष्य के लिए सदुपयोगी होंगी। करके सीखो जैसा  कार्यक्रम पिछले साल से यानी 2024 से चल रहा है।

लखनऊ। उत्तरप्रदेश में  हजारों प्राइमरी स्कूलों के मर्जर के बाद सरकार  एक बड़ा  महत्वाकांक्षी व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है । मिली जानकारी के मुताबिक सरकार प्राइमरी स्कूल से ही बच्चों को पंचर बनाना और पकौड़े तलना सिखाएगा। कहा जा रहा है कि स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कूल स्तर पर ही बच्चों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। यह भी जानकारी मिली है कि प्रत्येक जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम दो प्राइमरी स्कूलों में यह ट्रेनिंग दी जाएगी इस तरह की ट्रेनिंग के लिए सरकार ने 28000 रुपए की धनराशि ट्रेनिंग के लिए चयनित प्रत्येक विद्यालयों को भेजी है।

जिसके तहत गुरुजनों को विद्यालय के बच्चों को चार ट्रेर्ड्स इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एन्वायरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एवं गार्डनिंग और होम एंड हेल्थ की विभिन्न गतिविधियों आयोजन किया जाएगा। इन गतिविधियों में बच्चों को इलेक्ट्रीशियन, खेती किसानी के लिए फावड़े, खुरपे, खाना पकाना, गैस चूल्हा, सिलेंडर राज मिस्त्री, बढ़ई, पंक्चर बनाना, सिलाई-कढाई आदि के उपकरणों के साथ अन्य उपकरण की खरीदे गए हैं। 

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