
नई दिल्ली। कल शाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा के बाद दिल्ली के सियासी गलियारे का तापमान चरम पर है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा की कार्रवाई समाप्त होने से पहले संसद में स्थित प्रधानमंत्री के कक्ष में प्रधानमंत्री के सभी नजदीकी मंत्रियों की मौजूदगी थी। यह भी कहा जा रहा है कि राज्यसभा की कार्रवाई समाप्त होने के बाद जगदीप धनखड़ भी प्रधानमंत्री के कक्ष में पहुंचे थे जहां उनसे कहा गया कि आज से अभी से और इसी वक्त से आपकी सारी व्यस्तता समाप्त हो रही है। आपके पास एक फाइल आने वाली है उस पर हस्ताक्षर कीजिए। कहा जा रहा है कि जो फाइल उपराष्ट्रपति के सामने लाई गई उनका अंग्रेजी भाषा में इस्तीफा टाइप किया गया था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक नजर अपने इस्तीफा वाले मजमून पर डाली और कांपते हाथों से हस्ताक्षर कर दिया। यह सब इस समय चर्चा है जिसकी अवध भूमि न्यूज़ स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है। लेकिन यह भी चर्चा का विषय है कि आखिर ऐसा व्यक्ति कौन है जिसने इतने कठोर शब्दों में उपराष्ट्रपति को इस्तीफा पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। हो सकता है देर से देर इसका खुलासा स्वयं जगदीप धनखड़ करें या फिर किसी राजनीतिज्ञ की किताब में पर्दाफाश हो। संवैधानिक पद पर व्यक्ति से जबरन इस्तीफा लिए जाने की चर्चा हो रही है। कहां जा रहा है कि सरकार का शीर्ष नेतृत्व उनसे बुरी तरह नाराज था और उसे पता था कि महाभियोग के अलावा किसी और तरीके से हटाया नहीं जा सकता है इसीलिए जबरन इस्तीफा लेने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था सबसे हैरानी की बात है कि संसद भवन में ही उपराष्ट्रपति के खिलाफ साजिश चल रही थी लेकिन उन्हें कानो कान भनक तक नही थी।
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