लखनऊ। डिप्टी कार्मिक के पद पर तैनात रहते हुए देशराज यादव ने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ो रुपए की संपत्ति अर्जित कर ली। वह लूटता रहा और विभाग के आला हाकिम का खास बना रहा।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि महकमे में सिपाही की भर्ती के दौरान फिजिकल टेस्ट क्वालीफाई कराने के एवज में दो से ₹3 लाख की प्रत्येक कैंडिडेट से वसूली की गई। कहा जा रहा है कि लगभग 350 सिपाहियों की भर्ती में वसूली होती रही। देशराज ने लगभग सभी सिपाहियों से वसूली की। यह कह कर कि वसूली की गई कि यह पैसा कमिश्नर और अपर मुख्य सचिव तक जाता है। सूत्रों का कहना है कि करोड़ों रुपए की वसूली हुई है।
कई डिस्टलरी से भी फाइल क्लियर करने की एवज में वसूला गया करोड़ रूपया
दबी जुबान विभाग के सूत्रों ने यह भी बताया है कि कई शराब कंपनियों से भी देशराज यादव ने उनकी पत्रावली क्लियर करने के एवज में करोड़ों रुपए ले लिए लेकिन बिना कुछ किए ही गत 31 दिसंबर 22 को रिटायर हो गया। देशराज यादव को डिप्टी कार्मिक के अलावा आबकारी आयुक्त अल्कोहल का भी चार्ज दिया गया था। कहा जा रहा है कि अपने रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले शराब कारखानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और उनसे मोटी रकम की मांग की गई थी। कहां यह भी गया है कि शराब कंपनियों को धमकी दी गई थी कि यदि मांग पूरी नहीं की गई तो उन्हें इसका बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। देशराज यादव ने यह भी कहा कि जो भी उन्हें प्राप्त होता है वह ऊपर तक जाता है। देशराज यादव की धमकी से सहमी शराब कंपनियों ने काफी मोटी रकम भेंट की। यह भी कहा जा रहा है कि कई शराब कंपनियों से वसूली के बाद भी उनका काम लटका दिया।
फिलहाल चर्चित और महा भ्रष्ट डिप्टी कर्मी के रिटायर होने पर विभाग के अधिकारियों और डिस्टलरियों ने राहत की सांस ली है।
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