प्रतापगढ़। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद में 300 से ज्यादा पैथोलॉजी सेंटर स्थापित हुए हैं जिनके लिए डायग्नोस्टिक किट और रसायन की खरीद के लिए सरकार द्वारा एक करोड़ 32 लाख रुपए प्राप्त हुए । स्वास्थ्य विभाग को जेम पोर्टल के जरिए सभी सामानों की खरीद करनी थी। इसी बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मूल जनपद के रहने वाले उनके परिचित ठेकेदार से मुख्य चिकित्सा अधिकारी आवास पर लंबे समय तक डील हुई इस डील के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने परिचित रिश्तेदारों की फर्म से डायग्नोस्टिक किट और रसायन की खरीद को मंजूरी दी। लेकिन जब डायग्नोस्टिक किट और रसायन चीफ फार्मेसिस्ट के पास पहुंचा तो वह पूरी तरह घटिया गुणवत्ता वाला और मानक के विपरीत था।
डायग्नोस्टिक किट और रसायन का सैंपल प्रयोगशाला में फेल ना हो पाए इसके लिए प्रयोगशाला में भेजी जाने वाली किट स्टैंडर्ड आपूर्ति की गई है जबकि पैथोलॉजी पर भेजी गई डायग्नोस्टिक किट और रसायन बेहद घटिया किस्म की बताई जा रही है।
जिस डायग्नोस्टिक किट और रसायन की आपूर्ति की गई है उसमे पूरी सर्जिकल शगुन किट जैसी फर्म पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्वयं ठेकेदारी कर रहे हैं
कोविड-19 टेस्ट किट में भी घोटाला
जानकारी मिली है कि जिला अस्पताल में आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए उपकरण और दवाओं की आपूर्ति में टेंडर नियमों की अनदेखी करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कानपुर की आपूर्तिकर्ता फर्म के साथ सेटिंग करके ठेके में साझेदारी प्राप्त की है। गंभीर अनियमितताओं की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जा चुकी है।
प्रकरण जानकारी में है पूरे मामले की जांच की जाएगी – ड्रग इंस्पेक्टर राहुल यादव
इस प्रकरण पर जनपद के ड्रग इंस्पेक्टर राहुल यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रकरण जानकारी में है। उन्होंने कहा कि एनआरएचएम मिशन के तहत आपूर्ति की गई सभी डायग्नोस्टिक किट और रसायन की जांच की जाएगी और इसे विभागीय लैब में भेजा जाएगा।
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