
लखनऊ की 60% दुकानों पर बिक रही है मिलावटी और री-सील अंग्रेजी दारू… आबकारी विभाग साधे है चुप्पी..
लखनऊ शहर में लगभग 60 प्रतिशत अंग्रेजी शारब की दुकानों पर मिलावटी और री-सील अंग्रेजी शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है.. लेकिन आबकारी विभाग चुप्पी साधे हुए बैठा है।
लखनऊ में अलग-अलग मध्यम दर्जे की अंग्रेजी शराब आरसी, आरएस, बी-6, ब्लंडर्स प्राइड, एंटीक्विटी….सहित लगभग एक दर्जन ब्रांड की अंग्रेजी शराब की बोतलों की री-सीलिंग हो रही है। शराब व्यापारी विभिन्न शराब की बोतलों के केवल प्लास्टिक के ढक्कन ट्रकों में मंगवाते हैं और फैक्ट्री से ईमानदारी से पैक और सील होकर जो शराब की बोतलें आती हैं उनके ढक्कनों को एक मशीन के द्वारा खींच कर निकाल लिया जाता है और फिर 40-50% तक की मिलावट करके उन्हें फिर से री-सील किया जाता है। यह अवैध धंधा हर महीने करोड़ों का है। बताया जाता है कि इस अवैध कमाई की नदी का पानी आबकारी विभाग को भिगोता और पवित्र करता हुआ आगे। बढ़ता जा रहा है।
लखनऊ के सर्वोदय नगर, बालू अड्डा, विकास नगर, गोमती नगर, आलमबाग सहित लखनऊ के बाहरी इलाकों की दुकानों में यह धंधा जोरों से जारी है। शराब व्यापारियों ने अपने-अपने गोदामों में व अन्य जगहों पर री-सील मशीनें लगा रखी हैं। सुबह 5 बजे से 11 बजे तक री-सील का काम चलता है और फिर बोतलें दुकान तक पहुंचा दी जाती हैं।
यही कारण है कि लखनऊ का राजस्व सबसे कम दर्ज किया गया है। देखना होगा कि आबकारी आयुक्त अपने लाडले जॉइंट डिप्टी और डीइओ पर कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं
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