लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य में एक बार फिर ठन गई है। 31 अक्टूबर से प्रदेश सरकार की किसी भी कैबिनेट मीटिंग से केशव प्रसाद मौर्य ने दूरी बना ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब अयोध्या में ऐतिहासिक कैबिनेट की मीटिंग की तो इस मीटिंग से भी केशव मौर्य ने अपने को दूर रखा उसके बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई।
केशव प्रसाद मौर्य ने इस बार आर या पर के मूड में है। कहां जा रहा है कि वह अपने विभाग के प्रमुख सचिव से बेहद नाराज हैं जो उनको तवज्जो नहीं दे रहा है। उनके आदेशों निर्देशों की लगातार अवहेलना हो रही है जिससे केशव प्रसाद मौर्य खुद को आहत महसूस कर रहे हैं। अंदर खाने यहां भी खबर आ रही है कि लोग निर्माण विभाग उनके कार्यकाल के दौरान उनके तमाम गरीबी ठेकेदारों के मामले की जांच कर रहा है।
उनके रूप में बगावत का अंदेशा इस बात से हो गया है कि एक और जहां अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी जातिगत जनगणना के मुद्दे को दबाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं केशव प्रसाद मौर्य इस मुद्दे का मुकुट समर्थन करने लगे हैं। माना जा रहा है कि केशव प्रसाद मा उर्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं और जातिगत जनगणना के आंदोलन में भागीदारी कर सकते हैं। फिलहाल केशव प्रसाद मौर्य की ताजा नाराजगी लखनऊ से दिल्ली तक चर्चा का विषय बनी हुई है।
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