नई दिल्ली। पांच चुनावी राज्यों में राहुल गांधी ने दलितों आदिवासियों और पिछड़ों की जातिगत जनगणना को जहां अपना चुनावी मुद्दा बना लिया है वही सपा सुप्रीमो को लगता है कि उनके हाथ से पिछड़ों की राजनीति फिसल जाएगी इसीलिए उन्होंने जातिगत जनगणना से यू टर्न लेते हुए इसके खिलाफ बयान दिया है। अपनी चुनावी सभाओं में राहुल गांधी जहां पिछड़ों दलितों और आदिवासियों की जनगणना को देश का एक्सरे बताया था वही अखिलेश यादव ने तंज करते हुए कहा कि इसकी क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अपनी सरकार में ऐसा क्यों नहीं किया।
अखिलेश यादव इस बात से घबराए हुए हैं कि दलितों पिछड़ों और आदिवासियों में राहुल गांधी के लोकप्रियता में भारी वृद्धि हो रही है और इन जातियों में मिशन 2024 के लिए अखिलेश के मुकाबले राहुल की लोकप्रियता काफी ज्यादा है।
एमपी में बीजेपी के बजाय राहुल को बना रहे निशाना:
सपा सुप्रीमो के धुआंधार प्रचार के बाद भी किसी भी सर्वे में सपा को एक भी सीट मिलती नहीं दिखाई दे रही है। उन्हें ऐसा लग रहा है कि अगर सभी राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन गई तो पिछड़ों दलितों और अल्पसंख्यकों में कांग्रेस की दावेदारी बेहद मजबूत हो जाएगी। यही वजह है कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी भाजपा के बजाय कांग्रेस को निशाना बना रही है
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