नई दिल्ली। यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में भुगतान के नए नियमों में व्यापारियों को फायदे कम नुकसान अधिक दिख रहे हैं. MSME के अनुसार, पेमेंट करने की टाइम लिमिट 45 दिन की दी गई है. किसी भी कंडीशन में 45 दिन से ऊपर के समय में उधारी में माल खरीद ही नहीं सकते हैं. अगर आपके पास एग्रीमेंट नहीं है, तो 15 दिन के अंदर पेमेंट करना होगा. अगर कोई एग्रीमेंट या अनुबंध किया है, तो उसे 45 दिन का टाइम मिल जाएगा. अगर आपने अब तक पेमेंट नहीं किया है, तो 31 मार्च के पहले सारे व्यापारियों को भुगतान करना बेहद जरूरी है. अगर जिस व्यापारी का पेमेंट नहीं किया, वो MSME के नए नियम के तहत 10% ब्याज के साथ भुगतान करेंगे और यह ब्याज भुगतान करने वाले व्यापारी की आय में जोड़ दिया जाएगा जिस पर इनकम टैक्स को भी जवाब देना पड़ेगा।
50 करोड़ का है टर्न ओवर, तो इस कैटेगरी में होंगे शामिल
चार्टर्ड अकाउंटेंट हार्दिक जैन ने लोकल 18 को बताया कि लघु और कुटीर इंटरप्राइजेज को यदि तय सीमा से पहले भुगतान नहीं किया, तो आपने जो भी खर्चा अपने प्रॉफिट-लॉस अकाउंट के अंदर क्लेम किया है, वही आपकी इनकम मान ली जाएगी. MSME यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अनुसार, जिसका प्लांटेशन मशीनरी में 10 करोड़ तक निवेश है. साथ में पिछले फाइनेंशियल ईयर में टर्न ओवर 50 करोड़ का है, वे सभी स्मॉल उद्यम के कैटेगरी में आएंगे. ज्यादातर जितने व्यापारी वर्ग हैं, जो छोटे- छोटे कारोबारी है वह ज्यादातर उधारी पर ही अपना कारोबार करते हैं लेकिन नए नियम से अब उन्हें एडवांस पेमेंट पर बिजनेस करना पड़ेगा जो उनकी तबाही का कारण भी हो सकता है
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