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सरकारी कर्मचारियों का कैशलेस इलाज की व्यवस्था समाप्त: अब प्राइवेट अस्पतालों में नहीं हो सकेगा कैशलेस इलाज

नई दिल्ली। 42 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है जिसमें सभी पेंशनर और कर्मचारियों कोसीजीएचएस स्कीम से हटा लिया गया है सभी कर्मचारियों को आयुष्मान भारत से लिंक करने का आदेश दिया गया है।

लिंक कर इसके बाद कर्मियों को ऐसी आशंका होने लगी कि देर-सवेर सरकार, सीजीएचएस को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती है। जो कर्मचारियों और पेंशनरों को सीजीएचएस से दूर कर सकती है। हालांकि, मंगलवार को ही सरकार ने इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि सीजीएचएस रिकॉर्ड को आभा से जोड़ने को लेकर कई गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। 

जेसीएम) की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने पिछले सप्ताह इस बाबत ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय’ के सचिव को पत्र भी लिखा। इसमें कहा गया है कि कर्मचारी संगठनों और जेसीएम ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का समर्थन नहीं किया है।

श्रीकुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय का यह निर्णय कि अब सीजीएचएस आईडी कार्ड को भारत सरकार के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) से जोड़ना होगा, हैरान करने वाला है। इस निर्णय से केंद्र सरकार के कर्मचारी सकते में आ गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसा निर्णय लेने से पहले केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) की स्टैंडिंग कमेटी से जरूरी सलाह भी नहीं लिया।

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