अर्धसैनिक बल और पीएसी कैंप हटाने की मांग:
नागरिक आबादी से अर्धसैन्यबल पीएसी कैंप को हटाने की मांग!
नैनी, प्रयागराज। श्रमिक बस्ती, नैनी के आवासों का मालिकाना अधिकार दिए जाने, श्रमिक बस्ती नैनी की घनी आबादी के मध्य से अर्ध सैन्यबल पीएसी कैंप को हटाने की मांग को लेकर स्थानीय निवासियों द्वारा शुरू किया गया धरना प्रदर्शन आंदोलन आज भी जारी रहा।
श्रमिक बस्ती, नैनी स्थित मानस पार्क में बस्ती के निवासी इकट्ठा हुए। जुलूस निकालकर नारेबाजी की गई और पार्क में धरना दिया गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नैनी, प्रयागराज समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में औद्योगिक श्रमिक बस्तियों की स्थापना की गई थी। इन बस्तियों में पिछले 70 वर्षों से लोग रहते हैं। केंद्र सरकार ने 1978 में इन कॉलोनियों के कमरों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का मालिकाना अधिकार दिए जाने का आदेश दिया था। उड़ीसा और मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार मालिकाना अधिकार दे दिया। लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछले 34 वर्षों से यह समस्या लंबित है। जिसकी वजह से इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
श्रमिक बस्ती समिति के महासचिव विनय मिश्र ने कहा कि पिछले दिनों माननीय मुख्यमंत्री जी को इस संबंध में मांग पत्र दिया गया था। उम्मीद है कि इस संबंध में शीघ्र ही कार्रवाई होगी। श्री मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री जी को दिए गए ज्ञापन में श्रमिक बस्ती के आवासों में रहने वाले लोगों को उनके आवासों का मालिकाना अधिकार देने की मांग प्रमुख है।
ज्ञापन में कहा गया है कि पीएसी वालों ने श्रमिक बस्ती के सभी मैदानो, पार्कों और राजकीय श्रम हितकारी केंद्र पर अवैध कब्जा कर लिया है। जिससे लोगों का खुली हवा में सांस लेना दुश्वार हो गया है। अतः श्रमिक बस्ती, नैनी से पीएसी कैंप को तत्काल हटाया जाए। समिति के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद ने कहा कि श्रमिक बस्ती की 28 बीघा जमीन पीएसी को दे दी गई है। कॉलोनी वालों के लिए कितनी जमीन बची है? जानने के लिए उप श्रम आयुक्त प्रयागराज को ज्ञापन दिए जाने की तैयारी चल रही है।
कार्यक्रम में सर्वश्री श्याम सिंह, नंदकिशोर मिश्र, अजमत हुसैन, शिशु त्रिपाठी, सत्येंद्र यादव, भूपेंद्र राय, शिव करन सिंह,लक्ष्मी नारायण गोपाल जी, श्रीमती अरूणा पांडे, संतुष्टतम शुक्ला, उमेश कुमार, शुभम तिवारी आदि मौजूद रहे।
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