
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी का फैसला कालेधन को सफेद करने का अच्छा रास्ता बन गया। जस्टिस नागरत्ना ने नोटबंदी मामले पर अपनी असहमति वाला निर्णय दिया था।उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार के इस कदम के प्रति असहमति जतानी पड़ी क्योंकि 2016 में जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी, तब 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट कुल प्रचलन वाली मुद्रा का 86 प्रतिशत थे और नोटबंदी के बाद इसमें से 98 प्रतिशत वापस आ गए।
जस्टिस नागरत्ना ने नेलसर यूनिवर्सिटी में बोलते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद सिस्टम में मौजूद लगभग 98 फीसदी करेंसी वापस किसी न किसी तरीके से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास आ गई. ऐसे में नोटबंदी को सफल कैसे माना जा सकता है. इस फैसले से हम काला धन कैसे खत्म कर पाए. इनकम टैक्स विभाग ने इसके बाद क्या कार्रवाई की, इस बारे में भी हमें कोई जानकारी नहीं है. हमने सिर्फ लोगों को लाइनों में लगकर परेशान होते देखा. इस बात ने हमें झकझोर दिया और इसका विरोध करने को प्रेरित किया.
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