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आनंद प्रकाश के मामले में कमिश्नर की हो रही किरकिरी:

लखनऊ। रामपुर में रेडिको खेतान डिस्टलरी में तैनात रहे डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आनंद प्रकाश द्वितीय की पोस्टिंग के मामले में कमिश्नर की बड़ी फजीहत हो रही है। पता चला है कि इस खेल के असली मास्टरमाइंड पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक मुबारक अली है जो वर्तमान में कमिश्नर के कैंप कार्यालय में बिना किसी दायित्व के कार्यरत है और लखनऊ में रहकर ही गोविंद शुगर मिल डिस्टलरी में  सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में होने वाली शराब निकासी के लिए गेट पास का काउंटर साइन भी करता है वास्तव में वह कमिश्नर के कैंप ऑफिस में रहकर ट्रांसफर पोस्टिंग का धंधा करता है। कहां जा रहा है की मुबारक अली के कहने पर ही आनंद प्रकाश द्वितीय डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के पद पर पदोन्नति के बावजूद रामपुर स्थित रेडिको खेतान डिस्टलरी के सहायक आबकारी आयुक्त बने रहे और वहां से रिलीज नहीं हुए। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि रामपुर स्थित रेड को खेतान डिस्टलरी के सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में तैनात  आनंद प्रकाश द्वितीय  जब पदोन्नति के बाद डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आजमगढ़ के लिए कभी रिलीव ही नहीं हुए तो उन्हें सहायक आपकारी आयुक्त माना जाए या डिप्टी आबकारी आयुक्त आजमगढ़। यहां एक पेच और फंसा हुआ है कि रामपुर के सहायक आबकारी आयुक्त ने उनका पदोन्नति वेतन क्यों निर्गत किया जबकि आनंद प्रकाश द्वितीय रामपुर डिस्टलरी में  सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में ही सेवारत रहे। क्या उनकी भी कोई मिली भगत है फिलहाल तो यह जांच का विषय है। सवाल तब बड़ा हो गया जब डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आजमगढ़ के रूप में आनंद प्रकाश द्वितीय की पोस्टिंग जारी रही। और आनंद प्रकाश द्वितीय की अनुपस्थिति में सहायक आबकारी आयुक्त आजमगढ़ पवन कुमार ने खुद को प्रभारी डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आजमगढ़ घोषित कर लिया और कई प्रकरण भी निपटा दिए। इस संबंध में अवध भूमि न्यूज़ को उन्होंने बताया कि कमिश्नर के मौखिक आदेश का वह पालन करते रहे। सहायक आबकारी आयुक्त के बयान के बाद कमिश्नर की ही भूमिका सवालों के घेरे में है।

कमिश्नर की भूमिका क्यों है सवालों के घेरे में:

आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह की भूमिका सवालों के घेरे में है उसकी ठोस वजह यह है कि जब वह डिप्टी और सहायक आबकारी आयुक्तों की बैठक लेते थे तो उन्हें यह पता क्यों नहीं चला कि किसकी पोस्टिंग कहां है अगर उनकी मीटिंग में आनंद प्रकाश द्वितीय सहायक आबकारी आयुक्त रामपुर स्थित रेडिको खेतान डिस्टलरी में उपस्थित पाए गए तो डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आजमगढ़ के रूप में उनकी पदोन्नति को निरस्त क्यों नहीं किया गया और अवैध रूप से आजमगढ़ के सहायक आबकारी आयुक्त को प्रभारी डिप्टी एक्साइज कमिश्नर के रूप में काम करने से क्यों नहीं रोका गया।

डिप्टी कार्मिक और मुबारक अली की भूमिका भी सवालों में।

इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड मुबारक अली को माना जा रहा है क्योंकि कमिश्नर को वस्तु स्थिति से अवगत कराने की जिम्मेदारी कार्मिक विभाग की थी इस नाते डिप्टी कार्मिक कुमार प्रभात चंद्र भी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने कमिश्नर और उच्च अधिकारियों को इस पूरे मामले की सही जानकारी क्यों नहीं दी पदोन्नति के बावजूद आनंद प्रकाश द्वितीय को रामपुर से वेतन निर्गत क्यों होने दिया। तमाम ऐसे बड़े सवाल हैं जिसका जवाब आना बाकी है फिलहाल इस प्रकरण से आबकारी विभाग की छवि न केवल धूमिल हुई है बल्कि विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग के धंधे में कमिश्नर और उनके नजदीकी अधिकारी इंवॉल्व है इसकी पुष्टि भी हुई है

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