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मैनपुरी आश्रम में भारी पुलिस बल:

पूछ ताश के बाजार सुरक्षा को लेकर चिंतित है शासन प्रशासन

मैनपुरी। भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस बल के बाद दिनभर यह कयास लगाया जाता रहा कि पुलिस आश्रम में तलाशी लेने गई है और बाबा को गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और पुलिस की ओर से कोई बयान भी नहीं जारी किया गया। ऐसा लग रहा है जैसे पुलिस आरोपी बाबा से पूछताछ के बजाय उनकी सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित है।

हाथरस सत्संग भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर 123 हुई. ये आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है.
संभल की दो और महिलाओं की मौत हो चुकी है।
घटना की जांच शुरू होने के पहले ही पुलिस ने गुलाटी मारी.
नारायण साकार उर्फ सूरजपाल पर कोई FIR नहीं हुई.
सिर्फ सेवादारों और आयोजकों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।


123 मौतों के जिम्मेदार पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
पुलिस की FIR में नारायण साकार नामजद नहीं.
123 मौतों के जिम्मेदार पुलिस के मुताबिक सिर्फ सेवादार.
पुलिस-प्रशासन पर भी FIR का नहीं जिक्र… नहीं हुआ है

आखिर बाबा को कौन बचा रहा है

मैनपुरी में बाबा के आश्रम में एसओजी टीम के साथ पुलिस अंदर गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आश्रम के अंदर एसपी सिटी के साथ पुलिस बल ने सर्च. ऑपरेशन भी चलाया। सूत्रों के अनुसार
आश्रम के अंदर पुलिस को बाबा नहीं मिला।
आश्रम से हटाई गई पुलिस.
बाबा से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली पुलिस को.
हालांकि पुलिस ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान मीडिया को नहीं दिया.
ताजा अपडेट की बात करें तो जो फोर्स वहां एक्स्ट्रा लगाई गई थी वो हटा दी है.
हालांकि शांति व्यवस्था के लिए आश्रम का जो लिंक रोड है वहां पुलिस मौजूद है…

एसआईटी ने 132 लोगों को बनाया आरोपी

जांच के लिए बनी SIT ने 132 लोगों की सूची बनाई.
भोले बाबा और हाथरस DM-SP से पूछताछ होगी.
कल देर रात तक कई लोगों से पूछताछ की गई.
एडीजी आगरा की अध्यक्षता में बनी है एसआईटी.
भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में होने की खबर.
आगरा IG के नेतृत्व में एक टीम का गठन हुआ.
सुरक्षा गार्डों, सेवादारों की अरेस्टिंग के लिए टीम.
पुलिस-प्रशासन ने घटनास्थल पर क्राइम सीन दोहराया.
भीड़ को धक्का देने वाले सेवादारों की तलाश तेज हुई.
दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा के बताए जा रहे हैं गार्ड.
घटना के बाद से ही मुख्य आयोजक घर से फरार है.
सुरक्षा के लिए सिर्फ 69 पुलिसकर्मी लगाए गए थे.
4 ट्रैफिककर्मी, एक दमकल वाहन और एक एंबुलेंस थी.
इतने बड़े आयोजन में एक डॉक्टर की ड्यूटी नहीं थी…

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