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भोपाल। सबको हैरान करते हुए भाजपा ने मध्यप्रदेश में छप्पर फाड़कर जीत हाशिल की जबकि ज्यादातर ओपिनियन पोल भाजपा को हरा रहे थे ऐसे में भाजपा को ऐसी बम्पर जीत कैसे मिली आइये इसका विश्लेषण करें।
दरअसल राहुल गांधी ने मंच से दलित आदिवासियो का मुद्दा जमकर उठाया जबकि टिकट वितरण में दलित आदिवासी वर्ग यहां तक कि मुसलमानों की अनदेखी हुई दूसरी ओर जब शिवराज को भाजपा ने सार्वजनिक मंच पर किनारे करना शुरू किया तो उन्होंने पिछडो में अपने लिए हमदर्दी जताने के लिए कहना शुरू कर दिया कि यदि पिछड़े यानी मप्र में पिछडो का राज देखना चाहते और उनकी कुर्सी की सलामती चाहते हैं तो भाजपा को बम्पर जीत दिलाकर दिल्ली को सन्देश दीजिए कि शिवराज अभी भी ताकतवर है। यह बात पिछडो के मन मे बैठ गई दूसरी ओर आदिवासियों दलितों और पिछड़ों की बात करने वाली कांग्रेस ने न तो टिकट वितरण में इन वर्गों को ज्यादा अहमियत दी और न ही मुख्यमंत्री का चेहरा किसी पिछड़े को बनाया यह बात दलितों और पिछडो को हजम नही हुई इसीलिए पिछडो का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को मिला बाकी बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तथा बसपा के गठबंधन ने कांग्रेस को नजदीकी मुकाबले में 40 सीटों पर नुकसान पहुँचाकर हरवाने में बड़ी भूमिका निभाई ।
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