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बलिया बॉर्डर से हो रही थी करोड़ों की शराब तस्करी:

ज्वाइंट इआईबी जैनेंद्र उपाध्याय आबकारी के वसूली गैंग के सरगना

बलिया। एडीजी और डीआईजी वाराणसी परिक्षेत्र की छापेमारी में बलिया के नरही थाने के कम से कम 10 पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए हैं और 20 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस वार्ता में खुलासा किया है कि बलिया के बक्सर से लगे बॉर्डर से पशु बालू और शराब की तस्करी हो रही थी। उन्होंने प्रेस वार्ता में स्वीकार किया कि यह सालों से चल रहा था और लगभग 5000 ट्रक बॉर्डर पार करके जा रही थी। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 2 से 5 ट्रक अवैध शराब बलिया सीमा से पार होकर बक्सर पहुंच रहा था। माना जाए तो कम से कम एक से कम डेढ़ करोड़ रुपए की शराब इसी सीमा से प्रतिदिन बिहार पहुंच रही थी। इस खेल में आबकारी महकमें में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर जैनेंद्र उपाध्याय की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। कहां जा रहा है कि उन्हीं के आतंक के चलते बलिया जिले के प्रवर्तन विभाग तथा सामान्य प्रशासन की ड्यूटी में तैनात इंस्पेक्टर और अधिकारी शराब माफिया पर हाथ डालने से बचते रहे हैं।

एडीजी के खुलासे के बाद क्यों सक्रिय नहीं हुआ आबकारी विभाग

आबकारी विभाग इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि adg ने पब्लिकली इस बॉर्डर से शराब तस्करी की बात स्वीकार की है तो आबकारी आयुक्त को भी मामले को गंभीरता से लेना था और जिम्मेदार लोगों की जवाब दे ही तय करनी थी लेकिन लगता है कि आपकारी मुख्यालय में कोई सिंडिकेट है इसके प्रभाव में आबकारी आयुक्त भी हैं इसीलिए अभी तक किसी भी अधिकारी और खास तौर पर जैनेंद्र उपाध्याय जिन पर इस तरह की अवैध शराब तस्करी रोकने के जिम्मेदारी दी गई है उनकी शिथिलता अनियमितता और अराजकता तथा शराब माफियाओं के साथ व्यक्तिगत संबंध के चलते प्रदेश भर में शराब की तस्करी रोक पाना मुश्किल हो गया है।

देखना है कि इतने बड़े शराब तस्करी के सीधे खुलासे के बाद भी आबकारी महक में की छुट्टी कई सवालों को जन्म देती है।

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