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आबकारी पॉलिसी पर आज बड़ी बैठक — मंत्री नितिन अग्रवाल की अध्यक्षता में मंथन, लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी के संकेत


📰 अवध भूमि न्यूज़ | स्पेशल रिपोर्ट

🔸 इस वर्ष भी लाइसेंस नवीनीकरण रहेगा जारी, देसी शराब की अलग दुकानें होंगी खत्म — कंपोजिट मॉडल की तैयारी


📍 लखनऊ | अवध भूमि ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति 2025-26 पर आज लोकभवन में अहम बैठक होने जा रही है। बैठक की अध्यक्षता आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल करेंगे। इसमें प्रमुख सचिव आबकारी वीना कुमारी मीना आबकारी आयुक्त और विभाग के सभी मंडलीय अधिकारी शामिल होंगे।

इस बैठक में राजस्व बढ़ोतरी और नीति संशोधन पर व्यापक मंथन होगा। सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी लाइसेंस नवीनीकरण प्रणाली (Renewal System) को बरकरार रखा जाएगा, ताकि मौजूदा दुकानदारों को राहत मिले और सिस्टम में स्थिरता बनी रहे।


🟣 मुख्य बिंदु — नई आबकारी नीति की रूपरेखा

1️⃣ लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी के संकेत

विभाग  राजस्व लक्ष्य बढ़ाने के लिए सभी कैटेगरी के लाइसेंस शुल्क में 10% से 20% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव कर सकता है ऐसी चर्चा जोरों पर है।

संभावित फीस संरचना: श्रेणी वर्तमान शुल्क प्रस्तावित शुल्क वृद्धि (%) देसी शराब दुकान ₹12 लाख ₹14 लाख 15% विदेशी शराब दुकान ₹15 लाख ₹18 लाख 20% बियर/बार लाइसेंस ₹3 लाख ₹4 लाख 25% थोक लाइसेंस ₹10 लाख ₹12 लाख 20% ऑकेजनल लाइसेंस ₹10,000 ₹15,000 50%

यह आंकड़े अनुमान पर आधारित है वास्तविक आंकड़ों के लिए आबकारी पॉलिसी का इंतजार करना होगा।


2️⃣ देसी शराब की अलग दुकानें होंगी समाप्त

आबकारी विभाग अब देसी, विदेशी और बियर की कंपोजिट दुकानों (Composite Outlets) की दिशा में बढ़ रहा है।
इस कदम से अलग-अलग दुकानों की प्रणाली खत्म होगी और एक ही स्थान पर तीनों कैटेगरी की बिक्री संभव होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार आबकारी नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है। विभाग अब देसी, विदेशी और बियर की दुकानों को एक साथ कंपोजिट दुकान के रूप में देने की तैयारी में है।

सूत्रों के अनुसार, इस नीति के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य में शराब की दुकानों की संख्या घटाना बताया जा रहा है। सरकार चाहती है कि कम दुकानों के माध्यम से अधिक नियंत्रित और पारदर्शी बिक्री व्यवस्था बनाई जाए।

नई नीति के तहत एक ही स्थान पर सभी प्रकार की शराब (देसी, विदेशी व बियर) की बिक्री संभव होगी। अधिकारियों का कहना है कि इससे न केवल व्यवस्थापन और निगरानी आसान होगी, बल्कि राजस्व संग्रहण भी अधिक पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा।

यह नीति वित्त वर्ष 2026-27 के बाद लागू होने की संभावना है।


3️⃣ इस वर्ष भी नवीनीकरण रहेगा जारी

पिछले वर्ष की तरह इस बार भी मौजूदा दुकानदारों को नवीनीकरण (Renewal) का विकल्प दिया जाएगा।
नई लॉटरी सिर्फ उन्हीं इलाकों में होगी जहाँ दुकानें खाली या निरस्त हैं।


4️⃣ राजस्व लक्ष्य ₹60,000 करोड़ से अधिक

विभाग इस बार ₹60,000 करोड़ से अधिक का राजस्व लक्ष्य तय कर रहा है।
इसके लिए लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी और नई तकनीकी निगरानी प्रणाली लागू करने की तैयारी है।


🟡 बैठक में इन बिंदुओं पर भी चर्चा संभव

  • ऑनलाइन परमिट और ई-ट्रैकिंग सिस्टम को और सशक्त बनाने पर निर्णय।
  • फर्जी लाइसेंस और ओवर-परमिटिंग रोकने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन लागू होगा।
  • ऑकेजनल लाइसेंस शुल्क ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000 किए जाने की संभावना।
  • सामाजिक जागरूकता अभियान से अवैध शराब पर नियंत्रण की रणनीति पर भी विचार।

🧾 विशेष रिपोर्टर की टिप्पणी

“नई आबकारी नीति 2025-26 एक बड़ा ढांचागत बदलाव लाने जा रही है। कंपोजिट दुकानों की अवधारणा से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी, जबकि नवीनीकरण प्रणाली व्यापारियों के लिए राहतभरी साबित होगी।”
अवध भूमि न्यूज़ एनालिसिस टीम


📊 अवध भूमि इनसाइट्स

  • देसी शराब की दुकानों के समापन से ग्रामीण क्षेत्रों में नई कंपोजिट दुकानों का सृजन होगा।
  • विभागीय आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 52,000 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था।
  • इस बार डिजिटल मॉनिटरिंग से शिकायतों और फर्जी बिलिंग में कमी की उम्मीद है।

🕒 Live Update:

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा — “राजस्व वृद्धि के साथ पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है, नई नीति उपभोक्ताओं और व्यापारियों दोनों


📌 रिपोर्टर: अवध भूमि संवाददाता
📅 तारीख: 6 नवंबर 2025
📍 स्थान: लखनऊ


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