लखनऊ। फरवरी में गौतम अडानी की स्वामित्व वाले अदानी पावर से प्रीपेड स्मार्ट मीटर का 9000 करोड़ रुपए का ठेका योगी सरकार ने छीन लिया था जिसका बदला अदानी जून के महीने में ले रहे हैं।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने टेंडर कैंसिल कर दिया था. केवल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का 5454 करोड़ का टेंडर था. टेंडर की अनुमानित लागत करीब 48 से 65 फीसदी अधिक थी, जिसकी वजह से इसका विरोध शुरुआत से था. मीटर की कीमत करीब 9 से 10 हजार रुपये पड़ रही थी जबकि अनुमानित लागत 6 हजार प्रति मीटर थी.
इसमें मैसर्स अडानी पॉवर ट्रांसमिशन के अलावा जीएमआर व इनटेली स्मार्ट कंपनी ने टेंडर का पार्ट 2 हासिल किया था और इन्हें कार्य करने का आदेश जारी होने वाला था. राज्य उपभोक्ता परिषद ने महंगा मीटर लगाने की बात कही थी और परिषद ने नियामक आयोग में याचिका भी दायर की. इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई थी.
उत्तर प्रदेश में बिजली की खपत और मांग चरम पर है ऐसे में गौतम अडानी की कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज जिसे उत्तर प्रदेश के नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन जो उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा बिजली उत्पादक सरकारी उपक्रम है उसने केंद्र सरकार के दबाव में अदानी एंटरप्राइजेज को लगभग 70 लाख मैट्रिक टन विदेशी कोयला आपूर्ति का ठेका दिया हुआ है। समय से बिजली घरों को कोयला आपूर्ति नहीं हो रही है परिणाम स्वरूप बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है जिसके चलते विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरे उत्तर प्रदेश में चरमरा गई है।
ऑस्ट्रेलिया से मंगाया जा रहा है कोयला:
अदानी कंपनी ऑस्ट्रेलिया में अपनी स्वामी कव्वाली खदानों से लगभग ₹42 किलो केजी की दर से एनटीपीसी जैसे सरकारी उपक्रमों को कोयला बेच रहा है जबकि भारत में उपलब्ध कोयला खदानों से लगभग 10 से ₹12 केजी कोयला खरीदा जा सकता है लेकिन कोल इंडिया लिमिटेड को नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन ने ठेका नहीं दिया। बताया जा रहा है कि कोयला सीधे बिजली घरों को पहुंचाने के बजाय अडानी के स्वामित्व वाली पोर्टो से होकर गुजरता है। कोयला जितने भी पोर्टों पर पोर्ट होता है उसका करोड़ों रुपए का मुनाफा अलग से मिलता है। इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार से अदानी अपना बदला ले रहे हैं।
लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में हो रही है 14 – 14 घंटे बिजली की कटौती
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एम देवराज एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं फिर भी ना बिजली उत्पादन बढ़ पा रहा है और ना ही विद्युत आपूर्ति में सुधार हुआ है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में 14 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती की जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री नाराजगी जाहिर कर चुके हैं अधिकारियों को कार्रवाई की चेतावनी भी दे चुके हैं लेकिन फिलहाल किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हो रहा है।
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