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देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के बीच घमासान: मुख्यमंत्री शिंदे के साथ मिलकर अजीत पवार के फैसले को पलटा: अजीत पवार नाराज

प्रभाकर सोमवंशी/मुंबई महायुति में महायुद्ध का दौर शुरू हो गया है। पुणे में दो दादाओं के बीच युद्ध की चर्चा अभी थमी नहीं है कि नासिक में दो वरिष्ठ मंत्रियों के बीच शीतयुद्ध शुरू होने की चर्चा छाई हुई है।
देवेन्द्र फड़नवीस की जापान यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में निवेश, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ भविष्य में होने वाली प्रमुख महत्वपूर्ण परियोजनाएं, निवेश को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक हुई।
राज्य में महायुति की सरकार है। लेकिन राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इस महायुति में अनबन चल रही है। यह अनबन अजीत पवार के सत्ता में आने के बाद से चल रही है। कुछ जगहों पर तो दादा को लेकर बड़े नेताओं के बीच अनबन हो गई है।
पुणे में पालक मंत्री चंद्रकांत पाटील और अजीत पवार के बीच शीतयुद्ध जैसे हालात हैं। चर्चा है कि अजीत पवार के साथ बैठकों का दौर चलने से चंद्रकांत पाटील का गुट नाखुश है। दिलचस्प बात यह है कि जहां पुणे में दोनों दादाओं में अनबन की चर्चा चल रही है, वहीं अब नासिक जिले में भी अनबन की चर्चा शुरू हो गई है। नासिक में खानदेश के दो बड़े मंत्रियों के बीच शीतयुद्ध की चर्चा है।

दादा भूसे और महाजन में शीतयुद्ध

पालकमंत्री दादा भुसे और मंत्री गिरीश महाजन के बीच शीतयुद्ध की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जोरों पर चल रही है। मंत्री गिरीश महाजन का नासिक में बढ़ते दौरे ने इन चर्चाओं का बल दे रहा हैं। इसी बीच गिरीश महाजन द्वारा 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया गया। जिससे यह चर्चाएं तीव्र हो गईं। इसके साथ ही महाजन ने दो दिन पहले नासिक प्याज उत्पादक किसानों, लासलगाव मार्केट कमिटी में किसानों के प्रतिनिधि से मिले, उनकी समस्याओं को समझकर लेने के बाद मुख्यमंत्री से बैठक कराने का आश्वासन दिया। वहीं दूसरी तरफ दादा भूसे सभी अधिकारियों से बैठक ली और नाफेड के प्रतिनिधि से चर्चा करके समस्याओं का हल निकालने का आश्वासन दिया। एक विषय पर दो मंत्रियों की अलग – अलग बैठक लेने का मतलब दोनों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

भाजपा और शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं में संभ्रम

दादा भुसे जब से नासिक के पालक मंत्री का पद संभाला है, तब भी गिरीश महाजन द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के माध्यम से नासिक के पालक मंत्री पद के लिए मजबूत फील्डिंग करने की चर्चा थी। इसके अलावा गिरीश महाजन के बढ़ते नासिक दौरे से यह संकेत जा रहा है कि दादा भूसे का कभी भी पालक मंत्री पद जा सकता है? इन चर्चाओं से शिंदे गुट और भाजपा के कार्यकर्ता दोनों संभ्रम में नजर आ रहे हैं।

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