नई दिल्ली। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर शंकराचार्य के साथ चल रहा विवाद निचले स्तर पर आ गया है।
भाजपा समर्थक कथित शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने उनके ब्राह्मण होने पर ही संदेह जाता दिया है।
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वर्तमान समय में उत्तर में स्थापित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद तथाकथित शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती से एक कानूनी लड़ाई में विजई होकर ज्योतिष पीठ की गाड़ी प्राप्त किए हैं। स्वामी स्वरूपानंद ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाया था। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की नजर भी ज्योतिष पीठ की इस प्रतिष्ठित गद्दी पर है।
जहां तक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ब्राह्मण होने का प्रश्न है तो उनका संबंध प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील से है यहां वह बाभन पुर के एक पांडेय परिवारकी संतान हैं और स्वर्गीय शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा दीक्षित है।
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