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बड़े बे आबरू होकर..

कमिश्नर ने बनाई एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी के विदाई समारोह से दूरी:

लखनऊ। जुम्मे के अलविदा की तरह एडिशनल कमिश्नर प्रशासन ज्ञानेश्वर त्रिपाठी भी आज विदा हो रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी विदाई में कमिश्नर ही शामिल नहीं हो रहे हैं। इसको लेकर काफी चर्चा है। कमिश्नर लखनऊ में है फिर भी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी के विदाई समारोह से दूर है इसकी क्या वजह हो सकती है इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा है। कुछ लोगों का मानना है कि एडिशनल कमिश्नर सिपाही से हेड कांस्टेबल और चपरासी से लिपिक के लिए हुई पदोन्नति में जमकर वसूली किए थे तभी से यह मनमुटाव चल रहा है। चर्चा तो यह तक है कि एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने लखनऊ में जो शीश महल बनाया है उसमें वसूली से वह आबकारी आयुक्त से आगे निकल गए। चर्चाओं पर विश्वास करें तो लोग कह रहे हैं कि करोड़ों रुपए की फिनिशिंग और फर्निशिंग का काम ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने आबकारी महकमें की बदौलत ही कर लिया खैर विदाई को लेकर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी थोड़े मायूस होंगे क्योंकि वह जिस स्तर पर अपने विदाई में वसूली चाहते थे वैसा कुछ सुनने को नहीं मिल रहा है हालांकि कीमती तोहफा मिलने की खबरें हैं।

बताया जा रहा है कि कमिश्नर आदर्श सिंह एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी से इस कदर नाराज थे कि उनके रिटायरमेंट से पहले ही उनके सारे दायित्व छीन कर नवागत आईएएस  नवनीत सहारा को दे दिया। जबकि कमिश्नर ने ज्ञानेश्वर त्रिपाठी के रिटायरमेंट का इंतजार तक नहीं किया। इसीलिए चर्चा है कि बड़े  बे आबरू होकर ज्ञानेश्वर त्रिपाठी आबकारी के कूचे से निकलकर रिटायर हो रहे हैं।

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