अवैध पोस्टिंग कहीं किसी घोटाले की साजिश तो नहीं
प्रयागराज। जिनके घोटाले की चर्चा विधानसभा में हुई है वह एक बार फिर चर्चा में है। प्रमुख सचिव को बाईपास करके उन्होंने कई अवैध पोस्टिंग कर दी है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह एक बड़े घोटाले की साजिश है। मुख्यालय में सहायक आबकारी आयुक्त कार्मिक के रूप में तैनात मुबारक अली को मुख्यालय से 800 किलोमीटर दूर गोविंद शुगर मिल लखीमपुर खीरी में सहायक अधिकारी के रूप में अतिरिक्त प्रभार के रूप में तैनाती दी गई है। उनकी तैनाती विवादों में है। विवाद इसलिए है कि तैनाती का आदेश शासन से आना चाहिए था लेकिन कमिश्नर ने अवैध रूप से या आदेश जारी किया है। इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि वह मुख्यालय पर अपनी मूल पोस्टिंग के दायित्व के साथ-साथ लखीमपुर खीरी जो की 800 किलोमीटर दूर है वहां अपने दायित्व का निर्वाह कैसे करेंगे और अगर वह दायित्व का निर्माण नहीं कर पाए तो शुगर मिल के आसवानी डिवीजन से अवैध शराब की निकासी कैसे रोक पाएंगे और अगर अवैध शराब की अवैध निकासी नहीं रोका जा सका तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। इसी तरह सहायक आबकारी आयुक्त विधि मुख्यालय में तैनात राजेश सिंह जिनकी पोस्टिंग सीतापुर जनपद की डालमिया डिस्टलरी में हुई है वह अपनी मूल पोस्टिंग के अलावा डिस्टलरी में अपनी पोस्टिंग का दायित्व कैसे निभाएंगे और नहीं निभा पाए तो इस डिस्टलरी से अवैध रूप से यदि शराब की निकासी हुई तो जिम्मेदारी किसकी होगी। इसी तरह ट्रांसपोर्ट में तैनात राजेश मिश्रा की भी अतिरिक्त तैनाती को लेकर सवाल उठ रहे हैं कहा जा रहा है कि महत्वपूर्ण तैनाती में यह लापरवाही जानबूझकर हुई है और यह किसी बड़े घोटाले की साजिश का हिस्सा हो सकता है।
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