खुद बैठता है कैंप कार्यालय दागी अनिल यादव को बना रखा है अपना वसूली एजेंट:
लखनऊ: आबकारी मुख्यालय में सिस्टमैटिक ढंग से वसूली की जा रही है। नई जानकारी मुख्यालय के तकनीकी विभाग से आई है जहां पर तकनीकी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सन्दीप मॉडवेल के बारे में प्रदेश के कई प्रमुख डिस्टलर ने शिकायत की है और यह शिकायत शासन में पहुंची है। कहां जा रहा है कि तकनीकी विभाग से किसी भी फाइल के अप्रूवल के लिए तागड़ी वसूली की जा रही है। भरोसेमंद सूत्रों ने दावा किया है कि एक प्रमुख डिस्टलर की फाइल को एनओसी देने के लिए ₹500000 चुकाने पड़े। मामले का खुलासा तब हुआ जब खुद कमिश्नर ने उस डिस्टलर से पूछा की आपको काम करने के लिए कोई लेनदेन तो नहीं करना पड़ा जिसके जवाब में डिस्टलर ने बताया कि एनओसी प्राप्त करने के लिए मॉडवेल को ₹500000 देने पड़े। यह भी जानकारी मिली है कि शासन में प्रमुख सचिव को भी इस वसूली की जानकारी है। उन्होंने इसको लेकर कमिश्नर पर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह व्यक्ति यानी सन्दीप मॉडवेल वहां क्या कर रहा है। इस प्रकरण के बाद प्रभारी प्राविधिक अधिकारी मॉडवेल ने अपना पैंतरा बदल लिया। खुद कैंप ऑफिस में कमिश्नर के आसपास मंडरा रहा है और वसूली की जिम्मेदारी एक बदनाम लिपिक जो फर्जी वाला और वसूली के आरोप में पहले भी निलंबित रह चुका है उसको ही तकनीकी विभाग का सर्वे सर्व बना दिया है। अनिल यादव इस समय जो भी डिस्टलरी की फाइल अप्रूवल के लिए तकनीकी विभाग आ रही है हर फाइल पर ₹50000 तक वसूली कर रहा है। इसकी शिकायत मॉडवेल से की गई तो वह अनिल यादव का ही बचाव करने लगा। प्रकरण अब गंभीर हो गया है क्योंकि कई डिस्टलर अब इस मामले को लेकर प्रमुख सचिव से मिलने वाले हैं।
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