
लखनऊ। एडिशनल कमिश्नर ने चीनी मिल और डिस्टलरी में सेवा प्रदाता कंपनी ओएसिस की मिली भगत से ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को असफल करने की साजिश का पर्दाफाश करते हुए सेवा प्रदाता कंपनी के कर्मचारी की डिक्शनरी और चीनी मिल कंपनी में नियुक्ति को लेकर न केवल चेतन दी गई बल्कि इस खेल में शामिल लोगों को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। एडिशनल कमिश्नर ने कुछ लोगों को बर्खास्त करने और जेल भेजने तक की भी चेतावनी दी है। उनकी कार्रवाई से शराब माफिया से मिली भगत कर राजस्व की क्षति करने वाले अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। इस बीच जानकारी मिली है कि आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में जितने भी कर्मचारी कार्यरत हैं उनकी सैलरी डिस्टलरी और चीनी मिल से आ रही है मतलब कंट्रोल रूम के सारे कर्मचारी आबकारी विभाग के वफादार नहीं है बल्कि वह सैलरी देने वाली डिस्टलरी और चीनी मिल के वफादार हैं। यही कारण है कि आबकारी विभाग के शिकायत कक्ष में जो भी शिकायतें पहुंच रही हैं उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायत कक्ष में यदि चीनी मिल और डिस्टलरी के खिलाफ कोई भी शिकायत जाती है तो उसे रद्दी की टोकरी में भेज दिया जाता है इतना ही नहीं शिकायत करने वाले का नाम उजागर करके डिस्टलरी या चीनी मिल को जानकारी दे दी जाती है इसके बाद वह शिकायतकर्ता को धमका कर या लालच देकर शांत कर देते हैं इस तरह से आबकारी विभाग का शिकायत कक्ष पूरी तरह से डिस्टलरी और चीनी मिल के नियंत्रण में है जबकि जब शिकायत कक्ष की स्थापना हुई थी तो उसका उद्देश्य ही यही था कि प्रदेश भर में डिस्टलरी चीनी मिल गोदाम और फुटकर दुकानों पर जहां कहीं भी किसी तरह की अनियमितता है इसकी शिकायत सीधे मुख्यालय पहुंचे और कार्रवाई हो लेकिन पूर्व संयुक्त आबकारी आयुक्त इआईबी राजेश मणि त्रिपाठी ने इस महत्वपूर्ण नियंत्रण कक्ष को शराब माफियाओं के हवाले कर दिया और यहां कर्मचारियों की सैलरी विभाग से न देकर डिस्टीलिटी और चीनी मिल से आने लगी। नियंत्रण कक्ष के सभी कर्मचारी शराब माफियाओं के हित में काम करने लगे ऐसे में यहां पर जो भी डिस्टलरी या चीनी मिल से संबंधित शिकायत आती हैं उन्हें या तो पूरी तरह दबा दिया जाता है या फिर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारी देने के बजाय कोशिश शिकायतकर्ता के बारे में पूरी जानकारी दे दी जाती है और इस तरह से नियंत्रण कक्ष पूरी तरह शराब माफिया के नियंत्रण में आ गया है।
देखना है एडिशनल कमिश्नर विभाग के नियंत्रण कक्ष में बैठे शराब माफिया के वफादार पर कार्रवाई करते हैं या नहीं।
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