
प्रयागराज। डिप्टी एक्साइज कार्यालय से संबंध कनिष्ठ सहायक जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय की लाइसेंस से जुड़ी पत्रावली डील कर रहा था और वसूली कर रहा था। मजे की बात यह है कि डिप्टी आबकारी आयुक्त राजेंद्र शर्मा और जिला प्रयागराज अधिकारी सुशील मिश्रा अंजान बने रहे। यह प्रकरण बेहद गंभीर हो गया है अवध भूमि न्यूज़ को जानकारी मिली है कि घटना की रात ही आबकारी आयुक्त ने डिप्टी एक्साइज कमिश्नर और जिला आबकारी अधिकारी प्रयागराज की क्लास लगाई और स्पष्टीकरण मांगने की बात की हालांकि डिप्टी एक्साइज कमिश्नर ने अपनी गलती मानी लेकिन सवाल या उठना है कि कनिष्ठ सहायक रामकुमार सोनकर डिप्टी एक्साइज कमिश्नर कार्यालय में बुलाकर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय से संबंधित पत्रावली के लिए लाइसेंसी से रिश्वत ले रहा है आखिर उसमें इतनी हिम्मत कहां से आई इसका सीधा मतलब है कि दोनों अधिकारियों का वह लाडला था और दोनों अधिकारी आबकारी आयुक्त महोदय के लाडले हैं। वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में भले ही आबकारी आयुक्त ने दोनों अधिकारियों को डांट लगाई लेकिन सभी जानते हैं कि इस प्रकरण में आबकारी आयुक्त धूल डालने का काम करेंगे और कोई कार्रवाई नहीं होगी क्यों नहीं होगी यह सब को पता है।
इधर रिश्वतखोरी में गिरफ्तार किए गए कनिष्ठ सहायक रामकुमार सोनकर को एंटी करप्शन ब्यूरो अपने वाराणसी मुख्यालय ले गया जहां प्रारंभिक पूछताछ में रामकुमार ने कुछ खुलासा किया है। इससे पहले भी सहारनपुर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय के सामने आबकारी निरीक्षक शैलेंद्र सिंह को लाइसेंसी की सिक्योरिटी मनी वापस करने के एवज में ₹25000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया लेकिन मजे की बात यह है कि इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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