जो जितना बड़ा भ्रष्ट उसे उतना बड़ा इनाम:

लखनऊ। उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के भ्रष्टाचार की महागाथा जारी है। यह सुनने में आया है कि इस विभाग को बड़े ठेकेदार चला रहे हैं। उच्च पदस्थ अधिकारियों ने विभाग को ठेकेदारों के हवाले सौंप दिया है और ठेकेदार ही अपने अनुकूल अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग और प्रमोशन करवा रहे हैं।
तो क्या आगरा के ठेकेदार एवं मंत्री के पुत्र के मित्र के दखल से हुआ डीपीओ लखनऊ का ट्रांसफर
महिला कल्याण विभाग की भी अजीब दास्तां है यहां पर अच्छा काम करने वाले को हमेशा दंडित करने की परंपरा रही है एवं जो अधिकारी सदैव दलाली एवं भ्रष्टाचार के प्रकरणों में लिप्त रहे हैं उनको हमेशा से अच्छी पोस्टिंगों पर मंत्री जी की कृपा से अच्छे-अच्छे स्थानों पर तैनाती प्रदान की जाने की परंपरा रही है, ज्ञात हो की स्थानांतरण नीति 2025- 26 में कैबिनेट द्वारा विभागीय मंत्री को स्थानांतरण का पूरा अधिकार प्रदान कर देने से इस नियम का जितना खुला उल्लंघन महिला कल्याण विभाग में हुआ है उतना किसी अन्य विभाग में नहीं हुआ होगा इसका सीधे-सीधे एक उदाहरण यह है कि श्री सुधाकर पांडे जो की डीपीओ लखनऊ के पद पर वर्ष 2018 से 2022 तक 4 वर्षों तक कार्यरत रहे और उनके विरुद्ध यहां पर तमाम शिकायतें संज्ञान में आई,उनके ही कार्यकाल में राजकीय बाल गृह में तमाम पलायन एवं अन्य सवासियों के मृत्यु की घटनाएं घटित हुई, इन्होंने न जाने कौन सी घुट्टी विभागीय उच्च अधिकारियों एवं माननीय मंत्री जी को पिलाई हुई है कि यह अपनी नौकरी में ज्वाइन करते ही राजकीय संस्था बाहुल्य वाले जिले यथा मेरठ में जहां पर पांच राजकीय संस्थाएं थी उसकी प्रथम बागडोर इनको सौंपी गई ,वहां पर भी तमाम सवासियों की मृत्यु एवं अन्य घटनाएं पलायन की घटित हुई फिर भी इन्होंने अपने ताकत एवं धन बल के प्रभाव से अपनी द्वितीय तैनाती सीधे मेरठ से राजकीय संस्थाओं के बाहुल्य वाले राजधानी लखनऊ के जिले में डीपीओ के पद पर करवा के सबको आश्चर्यचकित कर दिया ,यहां पर इन्होंने 4 साल तमाम दुर्घटनाएं यथा बच्चों के पलायन, शिशुओं की मृत्यु एवं तमाम अन्य कर्मचारियों की शिकायतों के आने के बावजूद भी निर्विघ्न रूप से 4 वर्ष व्यतीत करने के बाद स्वयं के धन बल से जनपद वाराणसी जहां की आठ राजकीय संस्थाएं हैं वहां पर अपना स्थानांतरण अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के प्रभाव से कराने में सफल रहे और वहां पर शानदार 3 साल लूटपाट करने के बाद अब पुन: मंत्री जी की ही कृपा से एवं उनके पुत्र के बचपन के दोस्त रहे आगरा के एक नामी ठेकेदार माननीय मंत्री जी के पुत्र से आशीर्वाद प्राप्त कर जनपद लखनऊ में स्थानांतरण नीति के विपरीत अपनी तैनाती 15 जून 2025 को कराने में निदेशक महिला कल्याण के नाक का बाल होने के कारण सफल हुए ज्ञात हो की श्री विकास सिंह जोकि जिला प्रोबेशन अधिकारी लखनऊ के पद पर अच्छा कार्य कर रहे थे एवं अपनी पूरी लखनऊ की टीम के साथ लखनऊ के प्रत्येक चौराहा पर भिखारीयो की जमात को उनको समझा बूझकर उनका रिहैबिलिटेशन करवा कर जिला अधिकारी लखनऊ के मार्गदर्शन में एक अभियान का रूप देकर लखनऊ को बैगर्स की समस्या से मुक्त करने की अभिनव प्रयास कर रहे थे परंतु माननीय मंत्री जी एवं डायरेक्टर महिला कल्याण श्री संदीप कौर की दखल से इनको हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया यहां यह यह भी सूत्रों के हवाले से खबर प्राप्त हुई है कि जनपद लखनऊ में माननीय मंत्री जी के पुत्र एवं आगरा के ही उनके लंगोटिया मित्र के कारण जनपद लखनऊ की राजकीय संस्थानों में ठेकेदारी व्यवस्था मैं उत्पन्न हो रही कमीशन खोरी में बाधा बन रहे श्री विकास सिंह को निपटाने का पूरा प्रयास किया गया है, इस प्रकार से माननीय मंत्री जी जो की एक उच्च सम्मानित राज्यपाल के पद पर उत्तराखंड में रहने के बाद भी अब यतीम बच्चों के लालन पोषण हेतु संचालित किये जा रहे राजकीय संस्थानों में उनके भोजन निवाला को जिस प्रकार से ठेकेदारों के माध्यम से उपभोक्ता भंडार की बाजार दर से 4 गुना ज्यादा दर से प्रस्तुत बिलों के माध्यम से छीनने का प्रयास कर रही है? यह माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के मिशन में बहुत बड़े कांटे की तरह नजर आ रहा है !एक बहुत बड़ा प्रश्न है कि स्थानांतरण नीति में 3 वर्ष किसी अधिकारी के एक जिले में कार्यकाल का प्रावधान है तो फिर श्री सुधाकर के 4 वर्षों तक जनपद लखनऊ में जिला प्रोबेसन अधिकारी के पद पर कार्यरत रहने के बावजूद भी किस प्रकार से इनका स्थानांतरण किन परिस्थितियों में पुनः जिला प्रोबेसन अधिकारी लखनऊ के पद पर 15 जून 2025 को निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर द्वारा किया गया यह प्रत्यक्ष रूप से जनपद लखनऊ की राजकीय संस्थानों में ठेकेदारी व्यवस्था जिसका जिलाधिकारी लखनऊ श्री विशाख जी द्वारा के सख्त रुख के बावजूद उनके मिशन को हतोत्साहित करने का प्रयास मंत्री पुत्र के इशारे से माननीय मंत्री जी ने किया है!!
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