प्रयागराज। आबकारी विभाग का फर्जी मानव संपदा पोर्टल अधिकारियों कर्मचारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है। आबकारी विभाग को मानव संपदा पोर्टल ने कई वर्षों से डाटा अपलोड नहीं होने की वजह से निष्क्रिय कर दिया है जिसका फायदा उठाकर आबकारी आयुक्त ने एक फेक मानव संपदा पोर्टल बना दिया और इस पोर्टल के जरिए पिछले स्थानांतरण सत्र में ट्रांसफर पोस्टिंग भी कर दिया अब यही फर्जी पोर्टल लोगों के जी का जंजाल बन गया है।
प्रमोशन और ट्रांसफर दोनों खटाई में
आबकारी आयुक्त के फर्जीवाड़े के चलते जो फेक मानव संपदा पोर्टल बनाया गया था उसी के जरिए न केवल ट्रांसफर पोस्टिंग किया गया बल्कि प्रमोशन भी कर दिया गया और प्रमोशन के बाद तैनाती भी कर दी गई लेकिन मुसीबत अब जाकर खड़ी हो गई है जब वास्तविक मानव संपदा पोर्टल पर यह डाटा उपलब्ध ही नहीं है। ऐसे में पदोन्नति और स्थानांतरित किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में हो गया है।
कमिश्नर के फर्जी पोर्टल पर 10 विकल्प भरने की व्यवस्था
जो फर्जी पोर्टल आबकारी आयुक्त द्वारा बनाया गया है उसमें किसी भी अधिकारी और कर्मचारियों की गोपनीय वार्षिक आख्या और एसीपी एंट्री नहीं है। जबकि वास्तविक मानव संपदा पोर्टल पर सभी अधिकारियों की सर्विस बुक और सेवा पुस्तिका पर सभी प्रकार के प्रकरण और करवाई दर्ज की जाती है। 2017 से अब तक मानव संपदा पोर्टल पर किसी भी अधिकारी और कर्मचारियों का विवरण अद्यतन नहीं है।
फर्जी जॉइंट डायरेक्टर जोगिंदर सिंह मास्टरमाइंड
विश्वसनीय सूत्रों का मानना है कि आबकारी विभाग में सांख्यिकी अधिकारी के तौर पर तैनात हुए जोगिंदर सिंह जिन्होंने बिना पद सृजित हुए ही अपने आप को वरिष्ठ संख्या अधिकारी उपनिदेशक सांख्यिकी और संयुक्त निदेशक सांख्यिकी के पद पर प्रोन्नत कर वेतन ले रहे हैं अपने फर्जी वाडे का खुलासा रोकने के लिए अपना उन्होंने मानव संपदा पोर्टल अपडेट नहीं होने दे रहे जिसका खामियाजा पूरे विभाग को भुगतना पड़ रहा है।
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