अवधभूमि

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सांख्यिकी अधिकारी के बिना जारी हो रहे फर्जी आंकड़े:

आबकारी विभाग में बड़े घोटाले की आशंका:

लखनऊ। आबकारी मुख्यालय में फर्जी जॉइंट डायरेक्टर जोगिंदर सिंह के 31 अक्टूबर को अवकाश प्राप्ति के बाद से लगातार अवैध रूप से सांख्यिकी के आंकड़े जारी हो रहे हैं। आंकड़ों को फर्जी इसलिए माना जा रहा है क्योंकि नियमों के मुताबिक सांख्यिकी निदेशालय द्वारा नियुक्त अधिकारी ही सांख्यिकी के आंकड़े को विश्लेषित कर सकता है और उसी के आंकड़े ऑथेंटिक और विश्वसनीय हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि आबकारी आयुक्त ने मनमानी और फर्जी आंकड़े जारी करने के लिए डिप्टी एक्साइज कमिश्नर प्रदीप दुबे को आबकारी मुख्यालय में प्रभारी डिप्टी एक्साइज कमिश्नर जैसे फर्जी पदनाम पर नियुक्त कर रखा है। और प्रदीप दुबे डिप्टी एक्साइज कमिश्नर सांख्यिकी के पद नाम से अवैध रूप से आदेश और आंकड़े जारी कर रहे हैं। इस नियुक्ति पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सांख्यिकी में किसी भी प्रकार की कोई भी नियुक्ति सांख्यिकी निदेशालय के माध्यम से होनी चाहिए। अब सवाल या उठ रहा है कि आबकारी आयुक्त ने सांख्यिकी निदेशालय को अभी तक सांख्यिकी विभाग में पद रिक्त होने की सूचना क्यों नहीं भेजी। दूसरा सवाल यह पैदा होता है कि कथित रूप से जॉइंट डायरेक्टर स्टेटिक रहे जोगिंदर सिंह के अवकाश के साथ ही जब जॉइंट डायरेक्टर स्टैटिक की पोस्ट ही समाप्त हो गई तो ऐसे में प्रदीप दुबे डिप्टी एक्साइज कमिश्नर स्टैटिक जैसे फर्जी पद पर कैसे नियुक्त हो गए। सांख्यिकी में किसी भी पद नाम में आबकारी शब्द नहीं जुड़ सकता क्योंकि सांख्यिकी में नियोक्ता अधिकारी सांख्यिकी निदेशक होता है ऐसे में बड़ा सवाल यह होता है कि जो नियुक्ति सांख्यिकी निदेशालय से होनी थी उसकी नियुक्ति अवैध रूप से आबकारी आयुक्त ने क्यों की और इसके पीछे उनकी क्या साजिश है क्या मनसा है इसकी जांच शासन स्तर पर होनी चाहिए।

यह भी कहां जा रहा है कि प्रदेश के तमाम शराब माफिया को और राजस्व आंकड़ों में हेरा फेरी करने के लिए आबकारी आयुक्त नहीं चाहते कि सांख्यिकी निदेशालय से कोई जानकारी और विशेषज्ञ व्यक्ति आबकारी मुख्यालय के सांख्यिकी विभाग में तैनात हो जिससे कि मोलासेस प्रोडक्शन और शराब उत्पादन के सही आंकड़े और उसे पर मिलने वाले सही राजस्व को जारी कर सके यदि ऐसा होगा तो आबकारी विभाग जो कई सालों से राजस्व आंकड़ों में हेरा फेरी कर अभी तक बढ़ा -चढ़ा कर आबकारी राजस्व को दिखाकर वाहवाही लूटता रहा है  उसकी पोल खुल जाना तय है और शायद इसी डर की वजह से सांख्यिकी विभाग से अभी तक आबकारी विभाग ने सांख्यिकी अधिकारी नियुक्त करने हेतु पद रिक्त होने की सूचना नहीं दी।

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