संसद की लाइब्रेरी के पीछे भेजी गई महात्मा गांधी और अंबेडकर की प्रतिमा:

नई दिल्ली। सरकार के फैसले के बाद राष्ट्रीय स्तर पर तूफान खड़ा हो गया है।
केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को पार्लियामेंट से हटाने का फैसला किया तो समूचा विपक्ष आग बबूला हो गया।
अब इन मूर्तियों को पुराने संसद भवन के पास लाइब्रेरी बिल्डिंग के पीछे स्थापित किया गया है. महात्मा गांधी और डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्तियां पुराने संसद भवन के गेट नंबर 7 के पास स्थापित की गई हैं. इससे पहले 2021 में जब नया संसद भवन बन रहा था, तब गांधी और अंबेडकर की प्रतिमा नई संसद के ठीक सामने स्थापित थी।
कांग्रेस प्रमुख बोले कि हर प्रतिमा और संसद में उनका स्थान मायने रखता है. पुरानी संसद के ठीक सामने ध्यान मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत की लोकतांत्रिक राजनीति के लिए अत्यधिक महत्व रखती है. यह वह स्थान है, जहां सदस्य अक्सर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन करते थे. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा भी एक सुविधाजनक स्थान पर रखी गई थी, जो यह संदेश देती है कि बाबासाहेब सांसदों की पीढ़ियों को भारत के संविधान में निहित मूल्यों और सिद्धांतों को दृढ़ता से बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
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