लखनऊ। वर्ष 2020 में फिरोजाबाद में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत के मामले में चल रही जांच में बड़ा खेल हुआ है। उस समय डिप्टी कमिश्नर आगरा रहे वर्तमान संयुक्त अधिकारी आयुक्त अभिसूचना जैनेंद्र उपाध्याय के नाम पर सिपाहियों ने शराब माफिया से लाखों रुपए की वसूली की थी कहां जा रहा है कि जैनेंद्र उपाध्याय के इशारे पर ही फिरोजाबाद के खैरागढ़ इलाके में अवैध शराब का उत्पादन और बिक्री हुआ करता था जब जांच इस दिशा में आगे बढ़ी तो जैनेंद्र उपाध्याय ने रूपए पैसे के दम पर जांच को प्रभावित किया परिणाम स्वरुप जांच प्रक्रिया शिथिल हो गई और जब अंतिम जांच निष्कर्ष सामने आया तो जैनेंद्र उपाध्याय की भूमिका को जांच से बाहर कर दिया गया।
खेरागढ़ थाने में शराब तस्करी अवैध शराब का उत्पादन और बिक्री जय श्री बातों को स्वीकार करते हुए आबकारी विभाग के इंफोर्समेंट इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा प्राथमिक की दर्ज कराई गई जिसमें विभागीय इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है लेकिन तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर की भूमिका को जांच से बाहर रखा गया है जिसको लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
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