गबन किया गया लाखों लीटर ईएनए से स्टार लाइट में बनी अवैध शराब:
लखनऊ। गोंडा के नवाबगंज स्थित डिस्टलरी में वास्तव में गायब बताए जा रहा लाखों लीटर ईएनए से अवैध शराब बनाई गई। बनाई गई अवैध शराब स्टार लाइट के ही गोदाम में बेची गई और यही शराब लखनऊ हरदोई बाराबंकी अमेठी और रायबरेली में भी भेजी गई। जानकार सूत्रों का दावा है कि जगदीश अग्रवाल के साथ डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार वर्तमान में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर दिलीप कुमार मणि त्रिपाठी पूर्व में डिप्टी एक्साइज कमिश्नर रहे और वर्तमान में जॉइंट एक्साइज कमिश्नर स्कंद सिंह के अलावा वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त गोंडा प्रकल्प लवानिया ने अवैध रूप से डिस्टलरी में शराब उत्पादन भंडारण और वितरण में मदद की। ऐसी चर्चा है कि लगभग 25 करोड रुपए की अवैध शराब गोंडा स्थित स्टार लाइट डिस्टलरी में अवैध रूप से बनाई और बेची गई। शराब के इस अवैध कारोबार में जिला आबकारी अधिकारी डिस्टलरी में तैनात सहायक का आबकारी आयुक्त देवी पाटन मंडल के डिप्टी एक्साइज कमिश्नर जॉइंट एक्साइज कमिश्नर लखनऊ के अलावा तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर और कमिश्नर भी शामिल रहे।
लवानिया और स्टार लाइट की मिली भगत:
सहायक आबकारी आयुक्त गोंडा प्रगल्भ लवानिया और स्टार लाइट के मलिक जगदीश अग्रवाल के बीच काफी नजदीकी संबंध है। यह भी कहां जा रहा है कि लवानिया के फरमान के बाद मोलेशस से बनी 36 डिग्री की शराब केवल स्टार लाइट की ही पूरे जिले में बेचने की अनुमति दी गई थी जबकि अन्य शराब कंपनियों को अपनी शराब बेचने के लिए पापड़ बेलने पड़ते हैं। यह भी जानकारी मिली है कि प्रत्येक पेटी पर लवानिया को ₹10 दिया जाता है। इस तरह गोंडा जनपद में लवानिया स्टार लाइट के सेल्समैन की तरह काम कर रहे थे। स्टार लाइट ने अवैध रूप से जितना भी शराब उत्पादन किया है वह सब गोंडा जनपद में ही खप गया है और यह केवल लवानिया और डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आलोक कुमार की मिली भगत से संभव पाया है। एक अनुमान के मुताबिक एक करोड़ लीटर से ज्यादा अवैध शराब का उत्पादन और वितरण अब तक हो चुका है।
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