अवधभूमि

हिंदी न्यूज़, हिंदी समाचार


🚨 ट्रेन बनी तस्करी का अड्डा!

अवैध शराब का काला कारोबार, अफसरों की मिलीभगत पर उठे सवाल

लखनऊ। राजधानी से चौंकाने वाली खबर—ट्रेनों से अब अवैध शराब की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है। पुलिस से बचने के लिए शराब माफिया ने ट्रेन को ही सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। जीआरपी चारबाग और आरपीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गोमती नगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-6 से ट्रेन संख्या 15078 कामाख्या वीकली एक्सप्रेस के कोच बी-2 से 70 हज़ार रुपये की अवैध शराब बरामद की। मौके से कोच अटेंडेंट अविनाश पाठक, नीरज और टुनटुन कुमार गिरफ्तार हुए।

लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि—आखिर इतनी भारी तस्करी बिना बड़े अफसरों की शह के कैसे संभव है?

मेरठ क्षेत्र के जॉइंट एक्साइज कमिश्नर और प्रमुख सचिव के करीबी माने जाने वाले दिलीप मणि त्रिपाठी को पूरे प्रदेश की ईआईबी और लखनऊ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। बावजूद इसके तस्करी धड़ल्ले से चल रही है। इसी तरह लखनऊ के डिप्टी एक्साइज कमिश्नर राकेश सिंह, जिनके अधीन प्रवर्तन टीम काम करती है, उनकी भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

प्रमुख सचिव और कमिश्नर की चुप्पी ने मामले को और संदेहास्पद बना दिया है। क्या विभागीय मेहरबानी के साए में ही शराब माफिया पूरे प्रदेश में पैर पसार रहे हैं?

अब जनता पूछ रही है—
👉 क्या ये महज लापरवाही है या मिलीभगत?
👉 तस्करों से ज़्यादा खतरनाक तो वो अफसर नहीं, जो आंख मूंदे बैठे हैं?

जब तक बड़ी मछलियां जाल से बाहर हैं, तब तक ट्रेनें शराब तस्करों के लिए चलता-फिरता गोदाम बनी रहेंगी।


About Author