नगर विकास मंत्री छाबर सिंह सवालों के घेरे में:


जयपुर। भाजपा सरकार उनके मंत्री और लैंड माफिया की मिली भगत से सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का चूना लगाने की तैयारी है जबकि मंत्री और मुख्यमंत्री के चाहते बिल्डर और लैंड माफिया को जयपुर विकास प्राधिकरण की मिली भगत से हजारों करोड़ों का फायदा हो सकता है। सरकार और उसके नगर विकास मंत्री पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बिल्डरों और लैंड माफियाओं के प्रभाव और दबाव में जयपुर का मास्टर डेवलपमेंट प्लान एक बार फिर लटका दिया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि यह कम जयपुर के बड़े बिल्डर और लैंड माफियाओं को एक बड़ा खेल खेलने की छूट देने के लिए उठाया गया है। सूत्रों ने दावा किया है कि कुछ बड़े बिल्डर जयपुर के आसपास एक इलाके में बड़ी संख्या में जमीन कौड़ियों के भाव खरीद रहे हैं उन्हें और अधिक जमीन खरीदने का मौका देने के लिए पिछले 5 सालों से जयपुर का मास्टर प्लान जारी नहीं किया जा रहा है दरअसल नगर विकास मंत्री और भाजपा के कई शीर्ष आला कमान का बिल्डर से करीबी संबंध है। आप तो यह भी दावा किया जा रहा है कि जयपुर का मास्टर प्लान तभी जारी होगा जब चर्चित लैंड माफिया और बिल्डर की ओर से इसकी हरी झंडी मिलेगी।
जयपुर का मास्टर डवलपमेंट प्लान -2047 का बिड पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दो बार निरस्त होने के पश्चात वर्तमान सरकार में 24/12/2024 को जारी किया गया तथा इसी संदर्भ में 2/01/2025 को प्रीबिड मीटिंग कर 17/01/2025 को प्रीबिड मीटिंग की चर्चा अनुसार उसकी मिनिट्स साथ संशोधन कर JDA द्वारा जारी किया गया । बिड की अंतिम तिथि 22/01/2025 से बढ़ा कर 10/02/2025 कर दिया गया । फिर 10/02/2025 से पहले बिड की अंतिम तिथि को पुनः बढ़ा कर 20/03/2025 कर दिया गया । यही नहीं अचानक बिड के अंतिम दिन आनन फ़ानन में बिड की अंतिम तिथि को पुनः बढ़ा कर
21/04/2025 कर दिया गया हैं । अब जेडीए मे फिर से अंतिम तारीख बढ़ाने की सुगबुगाहट चल रही है ।
क्या जयपुर तेजी से बढ़ते हुए नगर, प्रसिद्ध महानगर कैपिटल सिटी का विकास बिना मास्टर प्लान के छोड़ा जाएगा।
समय रहते निर्णय नहीं करने के लिए कौन दोषी होगा।
बढ़ते रीजन की अफवाह से बाहरी रेनवाल फागी एवं अन्य गांवों में आनन फानन में रात दिन नई रजिस्ट्रियां अवैध निर्माण करवाएगी।
निर्णय के बाद में इसे बड़े कार्य में 2 से 3 वर्ष लगेंगे जिसमें विभिन्न सर्वे ,आकलन, निरीक्षण, आंकड़ों का संकलन परिकलन भावी सुनियोजित विकास के लिए भू आकलन, विशेषज्ञों द्वारा करना होगा।अनेक विधिक प्रक्रिया अपनाकर सुझाव आपत्तियां मानकर उन के निस्तारण के बाद ही अमली जामा नगर के विकास के लिए पहनाना होगा।
इसमें समय लगेगा।
क्या UDH मंत्री स्तर पर बार बार परिवर्तन शर्तों में किए जा रहे है।क्यों माननीय मुख्य मंत्री जी को अब अपने नेतृत्व का उपयोग करना चाहिए।

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