
प्रतापगढ़। प्रधानमंत्री आवास घोटाले में जिनकी चर्चा प्रधानमंत्री कार्यालय तक हुई और सांसद संगम लाल गुप्ता ने जिनके कारनामे को लोकसभा में उठाया फिर भी नियमों को ताक पर रखकर अभी तक प्रतापगढ़ में जमे हुए भ्रष्टतम अधिकारियों में से एक पीडीआरसी शर्मा का एक और कारनामा सामने आया है। जानकारी मिली है कि परियोजना निदेशक के व्यक्तिक सहायक पद से करीब 1 वर्ष पहले रिटायर हो चुके राजबहादुर वर्मा से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अब भी शासकीय कार्य लिए जा रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि राजबहादुर वर्मा ही परियोजना निदेशक आरसी शर्मा की ओर से सभी तरह के निरीक्षण कर रहे हैं और आदेश भी पारित कर रहे हैं। परियोजना निदेशक राजबहादुर वर्मा की रिपोर्ट पर कर्मचारियों को दंडित कर रहे हैं और राज बहादुर वर्मा की सिफारिश पर राहत भी दे रहे हैं। बताने की जरूरत नहीं है कि आरसी शर्मा के कोप से बचने के लिए कर्मचारियों को अच्छा खासा भुगतान करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री आवास में मजदूरी निधि में 87 करोड रुपए का हुआ था गोलमाल
परियोजना निदेशक आरसी शर्मा जिनका कुछ ही समय में रिटायरमेंट है यह उसे समय चर्चा में आ गए थे जब प्रधानमंत्री आवास में मजदूरी मद में दी जाने वाली करोड़ों रुपए अधिकारियों के मिली भगत से डकार गए।
निजी स्टाफ रखने पर शासनादेश में है मनाही
इस संबंध में स्पष्ट शासनादेश है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति की जिसकी नियम अनुसार नियुक्ति न हुई हो उसे किसी प्रकार के शासकीय कार्य न लिए जाए इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए परियोजना निदेशक आरसी शर्मा राजबहादुर वर्मा से शासकीय कार्य ले रहे हैं जिसकी विभाग में चर्चा है।

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