लखनऊ। तीन राज्यों में धमाकेदार जीत के बाद जहां बीजेपी इन राज्यों में नए मुख्यमंत्री की तलाश में माथा पच्ची कर रही है वहीं लखनऊ और दिल्ली के बीच सियासी खींचतान बढ़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर को मंत्री नहीं बनाए जाने से केंद्रीय हाई कमान नाराज है। उसे अब यह डर सता रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के लिए उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक लोकसभा सीट जीतने की भाजपा की योजना पर कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पानी न फेर दें। यह आशंका इसलिए व्यक्त की जा रही है क्योंकि हाल के दिनों में केंद्रीय हाई कमान और योगी आदित्यनाथ के बीच तल्ख़ियां बढ़ गई है। कहां जा रहा है कि 2 दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेपी नड्डा से मुलाकात की थी लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया था। इस बीच देश के दोनों उप मुख्य दिल्ली पहुंच गए हैं जहां उनकी जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की चर्चा है।
केंद्रीय हाई कमान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आशंका में है और दुविधा में भी। उसे लगता है कि यदि चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ को हटाया जाता है तो यह जोखिम हो सकता है जबकि इसी तरह की आशंका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी है उन्हें लगता है कि यदि मोदी इस बार सत्ता में आते हैं तो वही उनके निशाने पर होंगे। ऐसे में दोनों तरफ से वैकल्पिक योजनाओं पर काम किया जा रहा है और इसी को लेकर लखनऊ और दिल्ली में अलग-अलग सियासी खिचड़ी पक रही है।
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