प्रमुख सचिव और डायरेक्टर भी लाचार:
करोड़ों के घपले और घोटाले का आरोपी है पुनीत मिश्रा:
लखनऊ। बदले नहीं हालात महिला कल्याण निदेशालय के पूर्व निदेशक मनोज राय के जाने के बाद भी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ,दहेज प्रतिषेध एवं अनाथ बच्चों के आश्रय को संचालित करने वाले महिला कल्याण विभाग के जवाहर भवन आठवें तल स्थित निदेशालय महिला कल्याण की तस्वीर पूर्व निदेशक श्री मनोज राय के जाने के दो वर्षों के बाद भी यथावत ही चल रही है यद्यपि की उनके कुछ खास म खास अधिकारियों पर प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीना द्वारा गाज गिरने के बावजूद भी कुछ योजना अधिकारी जैसे श्री पुनीत मिश्रा जोकि विगत 8 वर्षों से निदेशालय महिला कल्याण में कार्यरत रहते हुए तमाम अनियमिताओं के बैक डोर से सूत्रधार रहे हैं प्रमुख सचिव के सख्त रवैए के बाद भी श्री पुनीत मिश्रा एवं महिला कल्याण निगम में अतिरिक्त चार्ज के रूप में तैनात एक अधिकारी जो की पूर्व में वाराणसी जिले में 7 वर्षों से डीपीओ के पद पर कार्यकाल के दौरान की गयी करोड़ों रुपये के वित्तीय अनियमितताओं की शपथ पत्र पर तमाम भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद भी जिनके विरुद्ध कोई कार्रवाई न होना यह सिद्ध करता है की व्यवस्था के पीछे एक भ्रष्ट मजबूत काकस है जिसका संरक्षण विभागीय मंत्री द्वारा किया जा रहा है यह दोनों अधिकारी ही लगभग प्रत्येक दिन सायं काल अपनी हाजिरी एवं विभाग की मुखबरी विभागीय मंत्री के यहां करते रहते हैं एवं इन्हीं की दखल से ही महिला कल्याण विभाग के समस्त ट्रांसफर पोस्टिंग होती रही है और इनके आगे वर्तमान निदेशक भी न जाने क्यों मजबूर सी दिखती हैं!इस ट्रांसफर सत्र में अपनी कुर्सी बचाने हेतु पूरे जी जान से श्री पुनीत मिश्रा लग गए हैं एवं प्लान बी के रूप में 4 साल से कानपुर मंडल का अतिरिक्त प्रभार देखने के बावजूद भी कानपुर मंडल में अभी अपनी तैनाती लेकर अतिरिक्त प्रभार निदेशालय महिला कल्याण अपने पूर्ववर्ती श्री बृजेंद्र निरंजन की भांति बनाने की चक्रव्यूह में लगे हुए हैं अब देखना है कि भ्रष्ट काकश को प्रमुख सचिव महिला कल्याण श्रीमती बीना कुमारी मीना जोकि मंत्री जी के संरक्षण में फल फूल रहा है को तोड़ने में किस प्रकार सफल होती हैं!!!
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